समाचार

अशोक सिंहल फाउण्डेशन और M2K फाउण्डेशन द्वारा चलाया गया वृक्षारोपण अभियान, लगाए गए 1000 वृक्ष दिया बड़ा संदेश

अशोक सिंहल फाउण्डेशन और M2K फाउण्डेशन द्वारा चलाया गया वृक्षारोपण अभियान, लगाए गए 1000 वृक्ष दिया बड़ा संदेश

Source: अशोक सिंघल फाउंडेशन और M2K फाउंडेशन द्वारा चलाया गया वृक्षारोपण अभियान, लगाए गए 1000 वृक्ष दिया बड़ा संदेश पढ़िए जरूर

गुरुग्राम:-प्रकृति के संरक्षण और पर्यावरण को हरा भरा, स्वच्छ एवं सुन्दर बनाये रखने के लिए अशोक सिंहल फाउण्डेशन एवं M2K फाउण्डेशन द्वारा चलाये जा रहे वृक्षारोपण अभियान के अंतर्गत धनवापुर गाँव, सेक्टर 104 गुरुग्राम, हरियाणा में 5 मई 2023 को 1000 पौधे लगाने का अभियान चलाया गया जिसमें अशोक सिंहल फाउण्डेशन एवं M2K फाउण्डेशन के अंतर्गत चलाये जा रहे साक्षरता मिशन “संस्कारशाला में गोद लिए हुए लगभग 300 असहाय व गरीब बच्चों द्वारा पौधों को लगाने का सार्थक कार्य किया गया।

वृक्षारोपण के इस अभियान के अंतर्गत पिछले वर्ष भी सैकड़ों पौधे सेक्टर 56, गुरुग्राम, हरियाणा में लगाए गए थे, पौधों की देखभाल की जिम्मेदारी भी संस्था की होगी। इस भीषण गर्मी में पौधे जल्दी जड़ें पकड़ सकें इसके लिए इस बार पर्याप्त लम्बाई के पौधे लिए गए हैं। संस्था के प्रबंधक संजय कौल ने बताया की फाउण्डेशन समाज के समक्ष एक सकारात्मक विचार प्रस्तुत करने हेतु समय समय पर ऐसा ही वृक्षारोपण अभियान चलाती रहेगी।

इस अभियान में बच्चों की प्रतिभागिता इसलिए कराई गयी ताकि उनमें प्रकृति के प्रति प्रेम तथा पर्यावरण के प्रति उत्तरदायित्व की भावना का संचार किया जा सके जिससे ये आगे चलकर पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान प्रदान करें। जिस प्रकार मनुष्य के निरंतर हस्तक्षेप से पर्यावरण का क्षय हो रहा है हमें मिलकर हमारी पृथ्वी को हरा भरा और स्वच्छ बनाये रखने का संकल्प लेना चाहिए क्योंकि पर्यावरण के बिना मनुष्य जाति की कल्पना करना भी असंभव है। बता दें इसी के साथ M2K फाउण्डेशन और अशोक सिंहल फाउण्डेशन मिलकर लगातार समाजिक, धार्मिक व शिक्षा के क्षेत्र मे कार्य कर रहा है, इनका उद्देश्य है की हर जरूरतमंद और गरीब परिवारों का सहयोग किया जाए ताकि वह भी मुख्य धारा से जुड़कर अपना भविष्य बनाएं और देश मे अपनी अहम भूमिका निभाते हुए भगीदारी निभाएं।

15 को होगा छठा 'भारतात्मा अशोक सिंहल वेद अवॉर्ड', वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल होंगे मुख्य अतिथि

15 को होगा छठा 'भारतात्मा अशोक सिंहल वेद अवॉर्ड', वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल होंगे मुख्य अतिथि

Source https://www.newsheads.in/india/news/6th-bharatatma-ashok-singhal-ved-awards-to-be-held-on-15th-piyush-goyal-minister-for-commerce-industry-to-be-the-chief-guest-article-68209

स्वर्गीय श्री अशोक सिंहल की स्मृति में, अशोक सिंहल फाउण्डेशन सोमवार, 15 अक्टूबर को 'भारतात्मा अशोक सिंघल वैदिक पुरस्कार' के छठे संस्करण का आयोजन कर रहा है। पुरस्कार कार्यक्रम चिन्मय मिशन 89- लोधी एस्टेट, लोधी रोड, नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।

भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल परमपूज्य स्वामी गोविंददेव गिरिजी की पावन उपस्थिति में मुख्य अतिथि होंगे। इस पुरस्कार का प्राथमिक लक्ष्य वैदिक क्षेत्र और प्रासंगिक विधाओं में उत्कृष्टता को मान्यता देना है। यह चार श्रेणियों में दिया जाने वाला वैदिक क्षेत्र का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है: उत्तम वेद विद्यार्थी, आदर्श वेदाध्यापक, उत्तम वेद विद्यालय और वेदारपीठ जीवन पुरस्कार, जो क्रमशः तीन, पाँच और सात लाख रुपये प्रदान करते हैं।

फाउण्डेशन के सह-न्यासी संजय सिंहल ने कहा, "यह स्वर्गीय अशोक सिंहल की वैदिक शास्त्रों में गहरी रुचि के कारण है जिसने हमारे फाउंडेशन को इस पुरस्कार समारोह को शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया है। यह भारतरत्मा अशोक सिंघल वेद पुरस्कारों का 6वां वर्ष है।"

अशोक सिंघल जी के नाम से जाना जाएगा लखनऊ का बर्लिंगटन चौराहा

अशोक सिंघल जी के नाम से जाना जाएगा लखनऊ का बर्लिंगटन चौराहा

Source https://www.jagran.com/uttar-pradesh/lucknow-city-now-the-burlington-chauraha-of-lucknow-will-be-known-as-ashok-singhal-the-executive-committee-of-the-municipal-corporation-had-announced-23099077.html

अयोध्या के श्रीराम मंदिर आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले और विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रहे स्वर्गीय अशोक सिंघल जी की याद अब लखनऊ में बनी रहेगी। शहर के पुराने चौराहों में शामिल बर्लिंगटन चौराहे का नाम अब अशोक सिंघल जी के नाम से होगा।

स्वर्गीय सिंघल जी की 96वीं जयंती पर उनके नाम से चौराहे का नामकरण किया गया है। महापौर संयुक्ता भाटिया की अध्यक्षता वाली नगर निगम की कार्यकारिणी समिति ने अशोक सिंहल जी के नाम से चौराहे का नाम रखा था।

सोमवार को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, पूर्व मंत्री व विधायक आशुतोष टंडन और महापौर ने एक आयोजन में अशोक सिंघल जी के नाम की पट्टिका लगाकर नामकरण किया। इस अवसर पर श्रीराम जन्म भूमि न्यास मूर्ति क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय जी भी मौजूद थे। महापौर ने बताया कि बर्लिंगटन चौराहे का लंबे समय से अंग्रेजी काल की दासता का प्रतीक माना जाता रहा है। इस नाम से मुक्ति दिलाने की मांग कई संगठन पूर्व से करते आ रहे हैं।

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रहे अशोक सिंघल जी का इस चौराहे से पुराना नाता रहा था। विहिप से जुड़े रहे पुरुषोत्तम भार्गव जी के घर आना जाना था और भार्गव निवास में ही ठहरा करते थे। वह स्वर्गीय भार्गव जी के घनिष्ठ मित्र थे। इसलिए अंग्रेजी हुकुमत की दासता के प्रतीक बर्लिंग्टन चौराहे का नाम बदलकर अशोक सिंघल चौराहा किया गया ।

अयोध्या में मंदिर आंदोलन के नायक रहे अशोक सिंहल व कल्याण सिंह के नाम पर वार्ड

अयोध्या में मंदिर आंदोलन के नायक रहे अशोक सिंहल व कल्याण सिंह के नाम पर वार्ड

Source https://www.jagran.com/uttar-pradesh/lucknow-city-ward-will-be-in-the-name-of-ashok-singhal-and-kalyan-singh-in-ayodhya-dm-sent-proposal-jagran-special-22863839.html

नगर निगम के नए परिसीमन व वार्डों के नामकरण में बड़ा बदलाव हुआ है। राम मंदिर आंदोलन के नायकों में शामिल विहिप के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंहल जी, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह जी जैसी हस्तियों के नाम से भी यहां के वार्डों का नामकरण किया गया है। इसके अलावा मंदिर आंदोलन के सूत्रधारों में रहे महंत अभिरामदास जी के नाम से भी वार्ड बनाया गया है।

अहम बात यह है कि यहां वार्डों के नामकरण में प्रयुक्त होने वाले नवाबकालीन नामों व शब्दावली को हटा दिया गया है। जिला प्रशासन ने नए सिरे से नगर निगम का परिसीमन कर इसे शासन को भेज दिया है, जिसमें कुल 60 वार्ड हैं। बहूबेगम वार्ड अब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह जी के नाम से जाना जाएगा। मंदिर आंदोलन के शलाका पुरुष महंत रामचंद्र परमहंस जी के नाम पहले से ही वार्ड है। परिवर्तन के अंतर्गत दिल्ली दरवाजा वार्ड का नाम बदल कर विक्रमादित्य नगर किया गया है।

फतेहगंज वार्ड का परिवर्तित नाम जय प्रकाश नारायण वार्ड है। साहबगंज वार्ड, आचार्य नरेंद्रदेव तथा हैदरगंज वार्ड को समाप्त कर नानकपुरा कर दिया गया है। हैदरगंज वार्ड अब नानकपुरा के नाम से पहचाना जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, अयोध्या की तरह ही सरकार प्रदेश के कई अन्य जिलों में भी वार्डों के नाम बदलने पर विचार कर रही है।

अशोक सिंघल जी के नाम से जाना जाएगा आगरा का घटिया आजम खान रोड

अशोक सिंघल जी के नाम से जाना जाएगा आगरा का घटिया आजम खान रोड

 

Source https://www.timesnowhindi.com/india/article/agras-ghatiya-azam-khan-road-renamed-after-former-vhp-leader-ashok-singhal/378153

आगरा शहर के घटिया आजम खान रोड अब अशोक सिंघल मार्ग के नाम से जाना जाएगा। रविवार को औपचारिक रूप से इस आजम खान मार्ग का नाम बदलकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेता

अशोक सिंहल जी के नाम पर कर दिया गया। इस मौके पर शहर के महापौर नवीन जैन ने नारियल फोड़कर और पट्टिका का लोकार्पण किया। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे आगरा के

महापौर ने कहा कि गुलामी की याद दिलाने वाले स्थानों के नाम बदलने की प्रक्रिया का यह एक हिस्सा है। यह आगे भी जारी रहेगा।

नवीन जैन ने बताया कि विहिप के नेता अशोक सिंघल जी का जन्म इसी मार्ग पर स्थित एक घर में हुआ था। अशोक सिंघल जी को सम्मान देने के लिए घटिया आजम खान रोड का नाम बदला गया है।

राम मंदिर का निर्माण ‘देश की अस्मिता का प्रतीक’: भैय्याजी जोशी

राम मंदिर का निर्माण ‘देश की अस्मिता का प्रतीक’: भैय्याजी जोशी

Source https://www.punjabkesari.in/national/news/construction-of-ram-temple--symbol-of-country-s-identity--bhaiyyaji-joshi-1215436

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह सुरेश भैय्याजी जोशी ने शनिवार को कहा कि देश में अनेक ‘‘आक्रांता'' आए और अपने चिन्ह छोड़ गए जिन्हें देखकर ‘‘वेदना'' होती है तथा ऐसे में राम मंदिर का बनना ‘‘राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक'' है। जोशी ने कहा, ‘‘अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण केवल आस्था के एक केंद्र या एक और मंदिर की स्थापना नहीं बल्कि देश की अस्मिता और मानव कल्याण से जुड़ा विषय है।''

जोशी श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के विषय पर अशोक सिंहल फाउण्डेशन  द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘देश में अनेक आक्रांता आए और वे अपने चिन्हों को छोड़ गए। उन चिन्हों देखकर वेदना होती है। ऐसा महसूस होता है कि क्या यह देश हमेशा आक्रांताओं से संघर्ष ही करता रहेगा।'' उन्होंने कहा,‘‘ राम मंदिर का बनना राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक है।


संघ के सरकार्यवाह ने कहा, ‘‘अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण केवल एक मंदिर की स्थापना नहीं है। देश में भगवार राम के हजारों मंदिर हैं। इन मंदिरों की श्रृंखला में एक और मंदिर बन जाए, यही केवल अयोध्या आंदोलन का भाव नहीं रहा। '' उन्होंने कहा कि इस मंदिर के संदर्भ में भिन्न दृष्टि से देखने और भगवान राम के जीवन को महसूस करने की जरूरत है जो अनुकरणीय आदर्श हैं। आरएसएस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण एक नए परिवर्तन की शुरूआत है।

RSS के सरकार्यवाह भैया जी जोशी ने कहा- मंदिर निर्माण आंदोलन का आरंभ है, अंत नहीं

RSS के सरकार्यवाह भैया जी जोशी ने कहा- मंदिर निर्माण आंदोलन का आरंभ है, अंत नहीं

Source https://m.jagran.com/delhi/new-delhi-city-rss-leader-suresh-bhaiyyaji-joshi-said-ram-mandir-is-just-starting-of-protest-not-end-20581657.html?itm_source=msite&itm_medium=homepage&itm_campaign=p1_component

अयोध्‍या में भव्‍य राममंदिर निर्माण की तैयारियों के बीच राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश भैया जी जोशी ने कहा कि मंदिर निर्माण, आंदोलन का आरंभ है, अंत नहीं। यह भारत के नये युग की शुरुआत है। इसे महज मंदिर भर मानना भी उचित नहीं है। यह राष्‍ट्रीय अस्‍मिता का प्रतीक है। यह सैकड़ों सालों की गुलामी की मानसिकता की बेड़ियों को तोड़ते हुए करोड़ों हिंदुओं में ऊर्जा भरेगा और आदर्शों की प्रेरणा देने वाला केंद्र बनेगा।

वेबिनार के द्वारा कई रामभक्तों से हुए मुखातिब 

वह अशोक सिंहल फाउण्डेशन द्वारा आयोजित वेबिनार में सैकड़ों रामभक्‍तों से मुखातिब थे। उन्‍होंने कहा कि यहां से पूरा विश्‍व एक नए भारत को देखेगा। हम विस्‍तारवादी सोच के लोग नहीं हैं। हम विश्‍व बंधुत्‍व व मानव कल्‍याण की बात करने वाले लोग हैं। पर यह दुर्बल नहीं, बल्‍कि शक्‍तिशाली व दायित्‍व का निर्वहन करने वाला भारत ही कर सकेगा। जो आसुरी शक्‍तियों से संघर्ष करते हुए पूरे विश्‍व को शांति का चिंतन देगा।

राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक  

उन्‍होंने कहा कि जो-जो भी आक्रांता आएं अपने चिन्‍ह छोड़कर गए। आक्रांताओं के नाम से मार्ग, उनके बनाए स्‍मारक और उनकी प्रतिमाओं को देखकर वेदना होती है कि क्‍या यहीं स्‍थिति रहेगी। आक्रांताओं के साथ संघर्ष करते हुए पराजित होते रहेंगे। अयोध्‍या में भी खड़ा ढांचा इसी बात का स्‍मरण करा रहा था कि तुम पराजित हो। ढांचा हटना और उस स्‍थान पर राम मंदिर का निर्माण राष्‍ट्रीय दृष्‍टिकोण में राष्‍ट्रीय अस्‍मिता का प्रतीक है। आने वाली सैकड़ों पीढ़ियों को यह उर्जा प्रदान करता रहेगा।

राम ने शान में मार्यादा रखी थींं

स्‍वर्गीय अशोक सिंहल के नेतृत्‍व में यह एक चरण पूरा हुआ। यह प्रारंभ है। मानव स्‍वरूप में जन्‍म लेकर राम ने हर रिश्‍तें और शासन में मर्यादा रखी। अपने जीवन से आदर्श स्‍वरूप प्रस्‍तुत किए। सही रूप में यह मंदिर सब प्रकार से आदर्शों की प्रेरणा देने का केंद्र करेगा।  इस मौके पर उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि वर्तमान नेतृत्‍व में देश अंतरराष्‍ट्रीय पटल पर प्रभावी भूमिका में आया है और देश के लोग इसे लेकर आश्‍वस्‍त है।

वेद में विज्ञान भी है और ज्ञान भी : सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत

वेद में विज्ञान भी है और ज्ञान भी : सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत

Source https://raptisimran.page/article/ved-mein-vigyaan-bhee-hai-aur-gyaan-bhee-sarasanghachaalak-do-mohan-bhaagavat/f8CYLn.html

अशोक सिंहल संकल्प था कि समान्य जन तक वेद का ज्ञान पहुंचे तथा अंग्रेजों के कालखंड में वेद के संबंध फैली सब भ्रांतियां दूर हों

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि भारतवर्ष के सभी लोगों के नित्य जीवन का वेदों से सम्बन्ध है। वेद का अर्थ जानना होता है। जिसको हम साइंस कहते हैं वो बाहर की बातें जानना है, वेद में विज्ञान भी है और ज्ञान भी, वह भी है जो समझ में नहीं आता। वेदों का ज्ञान अपने अंदर की खोज करता है। वेद समाज को उन्नत करते हैं, समाज को उन्नत धर्म करता है और धर्म का मूल वेद हैं। अध्यात्म विज्ञान का विरोधी नहीं हो सकता, क्योंकि अध्यात्म में विज्ञान से भी ज्यादा अनुभूति है। हमारे यहां अध्यात्म और विज्ञान दोनों का विचार पहले से हुआ है। वेदों में यह दोनों बातें हैं इसलिए वेदों का महत्व ज्यादा है। तीन गुणों से सम्बन्धित सृष्टि का विचार वेद में है। उक्त विचार विश्व हिन्दू परिषद् व अशोक सिंहल फाउण्डेशन द्वारा लक्ष्मी नारायण मंदिर (बिरला मंदिर) नई दिल्ली में चल रहे में छह दिवसीय चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ कार्यक्रम के तीसरे दिन शुक्रवार को यजमान के नाते आमंत्रित डॉ. मोहन भागवत ने प्रकट किए।

सरसंघचालक ने बताया कि जो भौतिक ज्ञान आज की दुनिया को प्राप्त है उसको सम्भालने के लिए जो आंतरिक ज्ञान चाहिए जिसके अभाव में युद्ध हो रहे हैं, जिसके अभाव में विनाश और पर्यावरण की हानि हो रही है। उस ज्ञान को यह पूर्णतया देने वाला वेद ज्ञान हमको फिर अपने परिश्रम से पुनर्जीवित करना पड़ेगा। वेदों का पुर्नतेजस्वीकरण हिन्दुओं की नहीं पूरी मानवजाति के जीवन का प्रश्न है, यह कोई पूजा कर्मकांड की सीमित बात नहीं है। वेदों के पुर्नतेजस्वीकरण से पूरे संसार का कल्याण होगा इसके लिए हम सबको समपर्ण करना पड़ेगा।

महायज्ञ के आयोजक अशोक सिंहल फाउण्डेशन  के प्रमुख श्री महेश भागचंदका ने इस अवसर पर कहा कि माननीय अशोक सिंहल ​​​​​​​जी की अंतिम इच्छा रही कि वेदों को घर-घर तक पहुंचाना चाहिए। विश्व शांति के लिए लोगों को वेदों को सुनना चाहिए। युवा पीढ़ी को वेदों की जानकारी हो इसके लिए विश्व स्तर का चारों वेदों का स्वाहाकार दिल्ली में किया जाए। उनके रहते हुए 2015 में यह योजना बनी थी लेकिन चार दिन पहले उनका शरीर शांत हो गया था। इस कार्यक्रम को इसको स्थगित कर दिया था। अब चार पर्व के पश्चात हम इस कार्यक्रम को कर रहे हैं और इसमें दक्षिण भारत से रामानुजाचार्य चिन्जय स्वामी जी की देखरेख में 60 आचार्यों के साथ चारों वेदों का स्वाहाकार हो रहा है। 9 तारीख से यह स्वाहाकार शुरु हुआ और 14 तारीख को सुबह इसकी पूर्णाहुति किया गया। इसमें समाज की सभी वर्गों के व्यक्तियों को शामिल हुए चाहे वह राजनीति में हों, सामाजिक हों, धार्मिक हों, सब लोगों को शामिल हुए। अधिक युवा ने भाग लिया। एक लाख लोग सोशल मीडिया से जुड़े कर इस यज्ञ को देखा।

सरकार्यवाह श्री भय्याजी जोशी भी सत्र में आएं। गृहमंत्री अमित शाह व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी इसमें सम्मिलित हुए। सभी संत-महंतो के साथ देश विदेश से यजमान इस आयोजन में शामिल हुए। इसका उद्देश्य की वह भी इस तरह की यज्ञ को अपने-अपने स्थान में जाकर कार्यक्रम करेंगे।

इससे पूर्व के सत्र में विश्व हिन्दू परिषद की प्रबन्ध समिति के सदस्य दिनेश चन्द्र ने बताया कि यहां चारों वेदों का अलग-अलग कुंडों पर सस्वर शुद्ध उच्चारण करते हुए एक-एक मंत्र को शुद्ध सस्वर उच्चारण करते हुए यज्ञ कुंड में आहुति डाली जा गई, इसलिए इसको चर्तुवेद स्वाहाकार महायज्ञ कहा गया है। 14 अक्टूबर को महापूर्ण यज्ञ की पूर्ण आहुति की गई। वहीँ त्रिदंडी स्वामी रामानुजाचार्य जी ने वेद के बारे में बताई कि वेद ऋषियों ने ईश्वर का साक्षात्कार किया अर्थात आत्मअनुभव किया उन अनुभव करने वालों के प्रसंग उन्होंने बताए और उस अनुभूति में से अनेक वेदों को कंठस्थ करके उस समय की अनुभूति को प्राप्त कर रहे हैं। पूज्य अशोक सिंहल ज का जो संकल्प था कि वेद समाज में फिर से आएं, समान्य जन तक वेद का ज्ञान पहुंचे तथा अंग्रेजों के कालखंड में वेद के संबंध फैली सब भ्रांतियां दूर हों।

सत्र में पूज्य संत रूपेंद्रानाथ हरिद्वार से, दिल्ली से पूज्य सुधांशु जी महाराज महायज्ञ में आए। यजमानों में डॉ. सुब्रमणयम स्वामी, श्री रामलाल, विहिप के अंतराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री आलोक कुमार भी उपस्थित थे।

चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ का हुआ भव्य समापन

चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ का हुआ भव्य समापन

Source https://www.nayaindia.com/life-style/religious-practice/chaturveda-swahakar-mahayagya-2608.html

नई दिल्ली: चारों वेदों का शुद्ध ज्ञान-विज्ञान संपूर्ण विश्व तक पहुंचाने के लिए दिल्ली में आयोजित चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ का भव्य समापन सोमवार को हुई। 9 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक चले इस महायज्ञ का आयोजन विश्व हिन्दू परिषद व अशोक सिंहल फाउण्डेशन  एवं झण्डेवाला देवी मंदिर द्वारा किया गया। इसमें करीब 50 वेदपाठी पंडित चारों वेदों के 29 हजार से अधिक मंत्रों को शुद्ध उच्चारण के संग पढ़ें गए। इस कार्यक्रम में कई देशों एवं देश के सभी प्रांतों से वेदों के मानने वाले और सनातन धर्म में आस्था रखने वाले श्रद्धालु शामिल हुए।

श्रीश्रीश्री त्रिदंडी स्वामी रामानुजाचार्य जियर चिन्न स्वामी जी ने अपने 61 वेदपाठियों के साथ विस्तार पूर्वक वेद से सम्बन्धित छह दिवसीय आयोजन में होने वाली सम्पूर्ण प्रक्रिया पूरी की। उन्होंने वेद मंत्र कंठस्थ वेदपाठी, विद्वानों द्वारा अलग-अलग यज्ञ कुंडों में शुद्ध सस्वर उच्चारण करते हुए यज्ञ में पूर्ण आहुति देकर वेद भगवान यज्ञ का समापन वैदिक विधि विधान पूर्वक किया।

विश्व हिन्दू परिषद की प्रबन्ध समिति के सदस्य दिनेश चन्द्र ने बताया कि यह यज्ञ विश्व के कल्याण के लिए है। वेद के विषय में अनेक भ्रांतियां फैली हैं जैसे महिलाएं वेद पढ़-सुन नहीं सकतीं, कोई विशेष वर्ग नहीं सुन सकता, जबकि यह सच नहीं है। उन्होंने बताया कि यजुर्वेद के 26वें मंडल के दूसरे अध्याय में स्पष्ट उल्लेख है कि वेदों का ब्रह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र, नारी, सेवक कोई भी श्रवण, अध्ययन और पठन कर सकता है और किसी को भी उसका श्रवण करा सकता है। वेद के बारे में फैले भ्रम इत्यादि दूर करने के लिए दिल्ली में पहली बार ऐसा महायज्ञ हो रहा है।

सामाजिक समरसता की ⊃2;ष्टि से भी यह ऐतिहासिक है, इसमें झुग्गियों से लेकर महलों तक रहने वाले विभिन्न समाज नेता, धर्म नेता, राज नेता, सभी को बुला गया है वे सब शामिल हुए। दिनेश जी ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द वेदों को समाज का दर्पण समझने की कला मानते थे और उन्होंने कहा कि यदि आज ‘हमारी संस्कृति बचेगी तभी हमारा भविष्य और भविष्य की संततियां बचेगी।’

इस भव्य आयोजन में अमेरिका, आस्ट्रेलिया, इंग्लैण्ड, नार्वे, थाईलैण्ड, सिंगापुर सहित अनेक देशों के वेद प्रेमी भक्तगण शामिल हुए तथा उन्होंने अपने-अपने देशों में चतुर्वेद महायज्ञ करने के लिए संतों से आग्रह किया। हॉलेण्ड के प्रिंस लुईस सहित सभी विदेशी अतिथियों ने वैदिक गणवेश में उपस्थित होकर पूजा अर्चना की। ऋषिकेश से आए चिदानन्द जी महाराज ने इस महायज्ञ का उद्देश्य बताते हुए कहा कि “ग्लोबल वामिर्ंग के कारण विश्व में वैष्मयता बढ़ रही है, प्रकृति में प्रतिकूलता बढ़ रही है तो हम ऐसा मानते हैं कि यज्ञ के माध्यम से धरती, अम्बर, अग्नि, जल, वायु, निहारिका, नक्षत्रों का संतुलन बनेगा और प्राणियों में सदभावना आती है।

चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ में मनोज तिवारी शामिल, लिया वेद भगवान का आशीर्वाद

चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ में मनोज तिवारी शामिल, लिया वेद भगवान का आशीर्वाद

Source https://dardedelhi.page/article/chaturved-svaahaakaar-mahaayagy-mein-manoj-tivaaree-shaamil-liya-ved-bhagavaan-ka-aasheervaad/qqCJtd.html

नई दिल्लीः चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ का आयोजन 9 अक्टूबर से लेकर 14 अक्टूबर तक किया गया।  जिसका आयोजन झण्डेवाला मंदिर के सौजन्य से श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर (बिरला मंदिर) मंदिर मार्ग नई दिल्ली पर  किया गया। आज सोमवार को  पूर्ण आहूति यज्ञ के साथ इसका समापन किया गया। इस यज्ञ का आयोजन 9 अक्टूबर बुधवार को शाम 5:00 बजे से रात 8:00 बजे तक और 10 अक्टूबर से लेकर 13 अक्टूबर रविवार तक प्रातः 9:00 बजे से लेकर दोपहर 12:00 बजे तक एवं शाम 5:00 से लेकर रात 8:00 बजे तक किया गया। इस यज्ञ में चारों वेदों के वेद मत्रों का जाप किया गया और देश के अनेक विद्धवान संत/ महात्माओं ने शामिल होकर इस यज्ञ को सफल बनाया।

14 अक्टूबर सोमवार आज प्रातः 9:00 पूर्ण आहुति यज्ञ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिसमें देश की राजधानी के साथ-साथ दूर-दराज से प्रतिष्ठित व्यक्तियों के साथ भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद मनोज तिवारी भी यज्ञ में शामिल हुए। इस मौके पर सांसद मनोज तिवारी ने पूर्णाहुति यज्ञ में शामिल होकर  चारों वेदों के वेद मंत्रों का उच्चारण सुनकर अपने को मंत्रमुग्ध कर लिया और पहलीवार चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ में शामिल हो वेद भगवान का आशीर्वाद लिया। सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि मैं इस महायज्ञ में शामिल होकर धन्य हो गया हूं। उन्होंने कहा कि गर्व हैं मुझे अपने भारत देश पर जोकि संतों/महात्माओं की कर्मभूमि कहलाता है। जिनके प्रताप से  ये देश दिनोदिन कामयाबी के शिखर पर अग्रसर है।

इस यज्ञ में भाजपा महिला नेता भी शामिल रही। इसके तहत जनता कॉलोनी वार्ड की महिला मोर्चा अध्यक्ष ज्योति सागर ने इस महायज्ञ में शामिल होकर वेद भगवान का आशार्वाद लिया। ज्योति सागर ने बताया कि उनके पति हेमन्त कुमार इस यज्ञ में सहयोगी के रुप में शामिल रहे जिसके कारण उन्हें भी इस यज्ञ का फल प्राप्त हुआ। भी हिचक में शामिल हुई और वेद भगवान का दर्शन कर वेद मंत्र सुन वेद भगवान का आशीर्वाद लिया इस कार्यक्रम का आयोजन झंडेवाला मंदिर भी मंदिर द्वारा कराया गया।

वेद समाज को उन्नत करते हैं इसलिए इसके पुर्नतेजस्वीकरण की है आवश्यकता – मोहन भागवत

वेद समाज को उन्नत करते हैं इसलिए इसके पुर्नतेजस्वीकरण की है आवश्यकता – मोहन भागवत

Source https://hindi.theprint.in/india/mohan-bhagwat-said-on-vhp-program-that-we-have-to-re-invent-ved/90442/

नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद और अशोक सिंहल फाउण्डेशन द्वारा बिरला मंदिर में आयोजित चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ में शुक्रवार शाम संघ प्रमुख मोहन राव भागवत भी शामिल हुए। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि भारतवर्ष के सभी लोगों के नित्य जीवन का ‘वेदों’ से सम्बन्ध है।

वेद का अर्थ जानना होता है जिसको हम साइंस कहते हैं वो बाहर की बातें जानना है, वेद में विज्ञान भी है और ज्ञान भी, वह भी है जो समझ में नहीं आता। वेदों का ज्ञान अपने अंदर की खोज करता है। वेद समाज को उन्नत करते हैं, समाज को उन्नत धर्म करता है और धर्म का मूल वेद हैं।’

भागवत ने आगे कहा, '‘विभिन्न सम्प्रदाय के संतो ने यह भी बताया कि वेद धर्म मूल कैसे है। रूढ़ी को रीति हमने बना दिया। यह हमारा दोष है, इसमें वेदों का कोई दोष नहीं है. वेदों के ज्ञान के कारण ही भारत कम से कम 3 हजार वर्ष तक विश्व गुरु रहा। लेकिन इसके अभाव के कारण ही युद्ध हुए, इस अभाव के कारण ही विनाश हुआ और पर्यावरण को नुकसान हुआ है। इन्ही वेदों के ज्ञान को हमको अपने परिश्रम से फिर से पुनर्जीवित करना पड़ेगा। हिन्दू धर्म नहीं पूरे मानव जाति के जीवन का प्रश्न मानकर वेदों को समझना पड़ेगा। फिर से उसे तेजस्वी करन करना पड़ेगा। ये काम सिर्फ आचार्यों को नही पूरे समाज के करना चाहिए।

वेद में विज्ञान और धर्म दोनों

संघ प्रमुख मोहनराव भागवत ने कहा, ‘वेदों के संदर्भ से ही सब चलता आ रहा है। विचारधारा भी वैदिक और अवैदिक होती है। कोई मानते है कोई नहीं मानते है। आज का दौर विज्ञान का ज़माना है। लेकिन वेदों का अर्थ वही होता है जो पहले था। आज हम जिसको विज्ञान कहते है वह बाहर की बाते जानता है। इसी के आधार पर हमारा आज भौतिक जीवन चल रहा है। लेकिन वेद में यह भी है औऱ जो इससे समझ मे नहीं आता वह भी है। वह ध्यान है। ध्यान अपने अंदर की खोज करता है। विज्ञान अपने बाहर की खोज करता है। दोनो को जानने की ज़रूरत रहती है।’

‘वेदों में दोनों का ज्ञान होने के कारण समाज को बढ़ाते है। समाज की धारणा तय करते है। समाज को जोड़ते और उन्नत करते है। समाज को जोड़ने औऱ उन्नत करने वाला धर्म होता है। वेदों को धर्म का मूल कहा गया है।’

सरसंघचालक भागवत ने यह भी बताया कि जो भौतिक ज्ञान आज की दुनिया को प्राप्त है उसको सम्भालने के लिए जो आंतरिक ज्ञान चाहिए जिसके अभाव में युद्ध हो रहे हैं, जिसके अभाव में विनाश और पर्यावरण की हानि हो रही है। उस ज्ञान को यह पूर्णतया देने वाला वेद ज्ञान हमको फिर अपने परिश्रम से पर्नजीवित करना पड़ेगा।

वेदों का पुर्नतेजस्वीकरण हिन्दुओं की नहीं पूरी मानवजाति के जीवन का प्रश्न है, यह कोई पूजा कर्मकांड की सीमित बात नहीं है. वेदों के पुर्नतेजस्वीकरण से पूरे संसार का कल्याण होगा इसके लिए हम सबको समपर्ण करना पड़ेगा।

महायज्ञ के आयोजक अशोक सिंहल फाउण्डेशन  के प्रमुख श्री महेश भागचंदका ने इस अवसर पर कहा, ‘अशोक सिंहल की अंतिम इच्छा रही कि वेदों को घर-घर तक पहुंचाना चाहिए। विश्व शांति के लिए लोगों को वेदों को सुनना चाहिए।’

भागचंदका ने बताया कि किस तरह युवा पीढ़ी को वेदों की जानकारी हो इसके लिए विश्व स्तर का चारों वेदों का स्वाहाकार दिल्ली में किया जाए। इसके लिए योजनाएं बनती रहीं थीं। अशोक सिंहल के रहते हुए 2015 में यह योजना बनी थी लेकिन चार दिन पहले उनका शरीर शांत हो गया था। इस कार्यक्रम को इसको स्थगित कर दिया था।

अब चार पर्व के पश्चात हम इस कार्यक्रम को कर रहे हैं और इसमें दक्षिण भारत से रामानुजाचार्य चिन्जय स्वामी जी की देखरेख में 60 आचार्यों के साथ चारों वेदों का स्वाहाकार हो रहा है। 9 तारीख से यह स्वाहाकार शुरु हुआ है और 14 तारीख को सुबह इसकी पूर्णाहुति होगी. इसमें समाज की सभी वर्गों के व्यक्तियों को बुलाया है चाहे वह राजनीति में हों, सामाजिक हों, धार्मिक हों, सब लोगों को आमंत्रित किया है। इसमें अधिक से अधिक युवा भाग लें इसके लिए सोशल मीडिया में भी इसको प्रमोट किया है। आज एक लाख लोग जो सोशल मीडिया से जुड़े हुए हैं वो इस यज्ञ को देख रहे हैं।

बता दें कि इस कार्यक्रम में सरकार्यवाह श्री भय्याजी जोशी शनिवार सुबह के सत्र में आएंगे. गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी इस कार्यक्रम में सम्मिलित हो सकते हैं।

संघ के सर कार्यवाह व गृहमंत्री अमित शाह ने संतो से आर्शीवाद प्राप्त किया

संघ के सर कार्यवाह व गृहमंत्री अमित शाह ने संतो से आर्शीवाद प्राप्त किया

Source http://www.newbharatlive.com/sangh-k-sir/

नई दिल्ली: बिरला मंदिर में आयोजित चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ में संघ के सर कार्यवाह व गृहमंत्री अमित शाह पहुंचकर संतो का आर्शीवाद प्राप्त किया। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर कार्यवाह भैय्या जोशी ने कहा  कि वेदों में जो ज्ञान सम्पदा है उसे हम दुनिया में देने को निकले हैं हमने कभी भी ज्ञान को अपने तक सीमित नहीं रखा। प्राचीन काल से हम देखते आ रहे हैं कि हम लोग कहीं भी कभी भी कुछ लेने के लिए नहीं बल्कि देने के लिए गए हैं। भारत हमेशा से ज्ञान को बांटने वाला देश रहा है। विश्व का जो समाज सकारात्मक सोचता है वह भारत की इस पुष्य संपदा को नमन करता है।

वह मंदिर मार्ग स्थित श्री लक्ष्मी नारायण (बिरला) मंदिर में आयोजित चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ के ’चैथे’ दिन बतौर यजमान पहुंचे थे। गृहमंत्री अमित शाह भी पहुंचे और यज्ञ में भाग लिया। भैय्या जोशी ने कहा कि लोग कहते हैं कि भविष्य भारत का है। भारत अपने श्रेष्ठ विचारों, परंपराओं और मूल्यों को लेकर आज विश्व के सामने बहुत सामथ्र्य के साथ प्रस्तुत हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्राचीर परंपरा चिंतन वेदों में समाविष्ट है। ऐसी बहुत संपदा ज्ञान के रूप में हमें प्राप्त हुई। हम इसके उत्तराधिकारी बने हैं। ईश्वरीय संकेतों के अनुसार कलयुग के इस चरण में भारत समेत विश्व में जो परिवर्तन प्रारंभ हुआ है। हम इसके साक्षी बने हैं। यह भी भाग्य है, लेकिन हम इस परिवर्तन के मूक साक्षी नहीं बल्कि इस परिवर्तन को गति देने का जो-जो प्रयास होगा हम उसके भागीदार बनेंगे।


उन्होंने कहा कि हमें जो भाग्य से मिला है, उसका अहंकार तो नहीं पर आनन्द जरूर है। इसके साथ ही ये देने की प्रक्रिया को अगर निरंतर चलाना है तो देने वालों का सामथ्र्य बढ़ना चाहिए। अन्यथा देने के लिए क्या है। देना केवल वाणी या ग्रंथों से नहीं होती। श्रेष्ठ जीवन के मूल्यों को लेकर आचरण करने वाला समाज ही दूसरों को कुछ दे सकता है। कभी सुनते हैं कि देश पर कभी अंग्रेजों का राज था। पर एक समय ऐसा आया जब बाबा रामदेव इंग्लैंड गए तो राजमहल बुलाकर रानी ने कहा कि हमें कुछ सीखाइए। तो बाबा रामदेव ने कहा कि आपने हमपर राज किया है। हम आपके श्वास पर राज करेंगे। पर इसमें विचार और आचरण सकारात्मक है।

भारत को किसी को हराने की आवश्यकता नहीं है। वेदों में जो ज्ञान सम्पदा है उसे हम दुनिया में देने को निकले हैं हम किसी का प्रवाह नहीं करेंगे।  इस मौके पर राघावानंद महाराज, रामरंजन दास महाराज, स्वामी अवधेश दास, संत त्रिलोचन दास जी महाराज, योगी अर्पित दास, विहिप संरक्षक दिनेश चन्द्र, कोटेश्वर जी, सांसद मीनाक्षी लेखी, भाजपा के नेता सुधांशु मित्तल संकल्प संस्था के संचालनकर्ता संतोष तनेजा, क्षेत्रीय संगठन मंत्री मुकेश खाण्डेकर, विहिप के प्रांत कार्याध्यक्ष वागीश, प्रांत मंत्री बचन सिंह सहित अन्य उपस्थित थे।

संपूर्ण विश्व के कल्याण के लिए वेदों की महिमा को पुनर्स्थापित करना आवश्यक है - डॉ. मोहन भागवत

संपूर्ण विश्व के कल्याण के लिए वेदों की महिमा को पुनर्स्थापित करना आवश्यक है - डॉ. मोहन भागवत

Source : Restoring the glory of Vedas is needed for the welfare of the entire world – Dr. Mohan Bhagwat

नई दिल्ली: आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि भारत के प्रत्येक व्यक्ति का दैनिक जीवन वेदों से जुड़ा है। वेदों को जानना और समझना होगा। जिसे हम विज्ञान कहते हैं, वह बाहरी चीजों को जानता है, लेकिन वेदों में विज्ञान भी है और ज्ञान के साथ-साथ वह भी है, जिसे हमारी बुद्धि नहीं समझती। वेदों का ज्ञान हमारे अंतर्मन को खोजता है। वेद समाज को उन्नत करते हैं और धर्म से ही समाज का उत्थान होता है और इस धर्म का मूल वेद है। अध्यात्म विज्ञान का विरोध नहीं कर सकता, क्योंकि अध्यात्म में विज्ञान के साथ-साथ अनुभव भी शामिल है। भारत में आदि काल से ही विज्ञान और अध्यात्म दोनों पर विचार किया जाता रहा है। वेदों में ये दोनों हैं और इसलिए ये बहुत महत्वपूर्ण हैं। वेदों में तीन आदि गुणों से संबंधित सृष्टि पर विचार निहित हैं। ये विचार डॉ. मोहन भागवत ने व्यक्त किए, जिन्हें लक्ष्मी नारायण मंदिर (बिरला मंदिर) में आयोजित छह दिवसीय चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ कार्यक्रम के तीसरे दिन विश्व हिंदू परिषद और अशोक सिंहल फाउण्डेशन द्वारा यज्ञ के निष्पादक के रूप में आमंत्रित किया गया था। 

सरसंघचालक ने बताया कि आज की दुनिया में हमने जो भौतिक ज्ञान प्राप्त किया है, उसे संतुलित करने के लिए आंतरिक ज्ञान की आवश्यकता है और इस आत्म-ज्ञान की कमी दुनिया भर में कलह का कारण है और विनाश और हानि का कारण भी है। पर्यावरण। जो वेद हमें स्वयं का पूर्ण ज्ञान प्रदान करेगा, उसे हमें अपनी मेहनत और परिश्रम से पुनर्जीवित करना होगा। वेदों का पुनरुद्धार केवल हिंदुओं के लिए ही नहीं बल्कि पूरी मानव जाति के लिए एक प्रश्न है। यह कोई ऐसी चीज नहीं है जो कर्मकांड या पूजा तक ही सीमित है। वेदों की महिमा को पुनर्स्थापित करने से पूरे विश्व का कल्याण सुनिश्चित होगा और इसके लिए हम सभी को खुद को समर्पित करना होगा।

महायज्ञ का आयोजन करने वाले अशोक सिंहल फाउण्डेशन के ट्रस्टी महेश भागचंदका ने इस अवसर पर कहा कि आदरणीय श्री अशोक सिंहल जी की अंतिम इच्छा थी कि वेद देश के हर घर में पहुंचे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि लोगों को विश्व शांति के लिए वेदों को सीखना और आत्मसात करना चाहिए। युवा पीढ़ी को वेदों से अवगत कराने के लिए उनकी इच्छा थी कि दिल्ली में चारों वेदों से युक्त एक विश्वस्तरीय स्वाहाकार महायज्ञ का आयोजन किया जाए। हालांकि महायज्ञ की योजना 2015 में उनके जीवित रहते ही बनाई गई थी, लेकिन चार दिन पहले ही वे अनुत्तरदायी हो गए थे। इसलिए महायज्ञ को स्थगित करना पड़ा। अब चार साल बाद हमने इस महायज्ञ का आयोजन किया है जिसमें दक्षिण भारत के रामानुजाचार्य चिन्जय स्वामीजी के मार्गदर्शन में 60 आचार्यों द्वारा चारों वेदों का पाठ किया जा रहा है। यह महायज्ञ 9 अक्टूबर को शुरू हुआ और 14 तारीख की सुबह पूर्णाहुति के साथ समाप्त होगा। समाज के सभी वर्गों के प्रत्येक व्यक्ति, चाहे वे राजनीतिक, सामाजिक या धार्मिक क्षेत्रों से हों, को व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया गया है। सोशल मीडिया पर भी इस आयोजन का प्रचार किया गया है ताकि अधिक से अधिक युवा इस महायज्ञ में भाग लें। सोशल मीडिया से जुड़े एक लाख लोग आज इस यज्ञ को देख रहे हैं।

तमाम संत आ रहे हैं और दुनिया भर से लोग भी यहां शामिल हो रहे हैं। इस महायज्ञ के साक्षी बनने वाले सभी अतिथि फिर अपने-अपने स्थान पर जाएंगे और वहां इसी तरह का आयोजन करेंगे।

पिछले सत्र में विहिप की शासी परिषद के सदस्य श्री दिनेश चंद्र ने बताया कि प्रत्येक वेद के लिए अलग-अलग यज्ञ कुण्ड हैं और पिछले तीन दिनों से चारों वेदों में से प्रत्येक के वेद मंत्रों का सही तरीके से और प्रत्येक मंत्र के बाद जप किया जा रहा है। का पाठ किया जाता है, उस विशेष वेद को समर्पित यज्ञ कुंड को भेंट दी जाती है। इसी कारण से इस आयोजन को 'चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ' कहा जाता है। इस महायज्ञ का यह तीसरा दिन है और 14 अक्टूबर को साढ़े ग्यारह से बारह बजे के बीच महायज्ञ की पूर्णाहुति होगी. यह वास्तव में विशेष था कि आज त्रिदंडी स्वामी रामानुजाचार्य जी ने वेदों के बारे में बात की और बताया कि कैसे हमारे ऋषियों ने सर्वशक्तिमान का अनुभव किया और आत्म-साक्षात्कार प्राप्त किया। स्वामीजी ने उन लोगों के अनुभव भी गिनाए जिन्होंने आत्म-साक्षात्कार प्राप्त किया और कहा कि आज भी कई ऐसे हैं जो वेदों को सीख रहे हैं और याद कर रहे हैं और उन ऋषियों के समान अनुभव प्राप्त कर चुके हैं जिन्होंने आत्म-साक्षात्कार प्राप्त किया था, उन्होंने कहा। उन्होंने बताया कि पूज्य अशोक सिंहल जी ने संकल्प लिया था कि वेद हमारे समाज में वापस आएं और वेदों का ज्ञान आम आदमी तक पहुंचे और औपनिवेशिक शासन काल में वेदों के बारे में फैली सभी भ्रांतियों को दूर करना है।

शाम के सत्र में हरिद्वार से पूज्य संत रूपेंद्रनाथ और दिल्ली से सुधांशु जी महाराज ने महायज्ञ में भाग लिया। इस अवसर पर यज्ञ के निष्पादकों के रूप में डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी, विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार उपस्थित थे।

चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ का अंकुरार्पणम कार्यक्रम भव्यता से संपन्न

चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ का अंकुरार्पणम कार्यक्रम भव्यता से संपन्न

Source https://www.pressnote.in/National_News_404676.html

नई दिल्ली: चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ का अंकुरार्पणम कार्यक्रम बुधवार को भव्यता से दिल्ली के लक्ष्मी नारायण (बिरला मंदिर) में संपन्न हुआ. हैदराबाद के रामानुजाचार्य पूज्य चिन्न जीयर स्वामी जी के सानिध्य में 50 से अधिक वेद पंडितों व स्वामी राघवानंद जी महाराज जैसे अनेक श्रेष्ठ संतों के साथ कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह मा. डॉ कृष्ण गोपाल, विहिप केन्द्रीय मार्गदर्शक मंडल के सदस्य श्री दिनेश  चन्द्र, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दिल्ली प्रान्त संघ चालक श्री कुलभूषण आहूजा सहित अनेक गणमान्य लोगों ने भाग लिया. कार्यक्रम से पूर्व मंदिर (बिरला मन्दिर) के चारों और एक विराट वेद यात्रा भी निकाली गई. जिसमें बड़ी संख्या में पूज्य संतों महिलाओं और बच्चों ने भाग लिया.

ज्ञातव्य रहे कि वेदों के ज्ञान विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने हेतु विश्व हिन्दू परिषद के तत्वावधान में अशोक सिंहल फाउण्डेशन व झंडेवालान देवी मंदिर के सहयोग से चतुर्वेद स्वाहाकार महा यज्ञ का लक्ष्मी नारायण (बिरला मंदिर) में आयोजित किया गया है. इस छह दिवसीय यज्ञ के आयोजन में ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अर्थवेद के लगभग 29 हजार से अधिक मन्त्रों का उच्चारण हैदराबाद के रामानुजाचार्य पूज्य चिन्न जीयर स्वामी के सानिध्य में 50 से अधिक वेद पंडितों द्वारा संपन्न किया जाएगा। इस दौरान रोजाना जीयर स्वामी प्रवचन भी देंगे तथा इसमें देश भर से अनेक संत, महंत, सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक व राजनैतिक जगत के अनेक गणमान्य लोग भाग लेंगे।

वेदों के बारे में जागृति फैलाने के लिए वेद रथ यात्रा:विहिप

वेदों के बारे में जागृति फैलाने के लिए वेद रथ यात्रा:विहिप

Source https://hindi.asianetnews.com/national-news/vihip-to-organise-workshop-for-teaching-of-vedas-pz5y1b

विश्व हिन्दू परिषद ने पूरे देश में वेदों के प्रचार प्रसार के जरिए ‘‘समरता’’को बढ़ावा देने की मुहिम शुरू की है। इसमें एक ओर रथयात्रा एवं यज्ञों का आयोजन तो दूसरी ओर वेद विद्यालय की स्थापना पर जोर दिया जा रहा है।  मोहन भागवत, सर कार्यवाह भैयाजी जोशी के अलावा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के शामिल होने का कार्यक्रम है।

नई दिल्ली: विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने पूरे देश में वेदों के प्रचार प्रसार के जरिए ‘‘समरता’’को बढ़ावा देने की मुहिम शुरू की है जिसमें एक ओर रथयात्रा एवं यज्ञों का आयोजन तो दूसरी ओर वेद विद्यालय की स्थापना पर जोर दिया जा रहा है।

मोहन भागवत, भैयाजी जोशी जैसे लोग होंगे शामिल

विहिप के संरक्षक दिनेशचंद्र ने बताया, ‘‘ इस श्रृंखला में नई दिल्ली के बिड़ला मंदिर के प्रांगण में 9 से 14 अक्टूबर तक ‘‘चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ’’ का आयोजन किया गया है । ’’ इसे विश्व हिन्दू परिषद, अशोक सिंहल फाउण्डेशन तथा माता मंदिर झंडेवाला आयोजित कर रहे हैं । विहिप के प्रदेश कार्याध्यक्ष वागीश इस्सर ने बताया कि इसमें राष्ट्रीय स्वसंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, सर कार्यवाह भैयाजी जोशी के अलावा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के शामिल होने का कार्यक्रम है।

वेदों के जरिए समाज में को बढ़ावा देगी विश्व हिन्दू परिषद

इसमें संघ से जुड़े विद्या भारती, संस्कार भारती, सेवा भारती, भारतीय मजदूर संघ हिस्सा ले रहे हैं । विहिप के पदाधिकारियों ने बताया कि परिषद एवं अशोक सिंहल फाउण्डेशन  ने गुरूग्राम में वेद विद्यालय स्थापित किया है। इसका मकसद बच्चों से लेकर बड़ों तक वेद के बारे में जानकारी देना एवं इस बारे में उन्हें जागृत करना है। विहिप ने वेदों के बारे में जागृति फैलाने के लिए ‘वेद रथ यात्रा’ निकाल रही है।

विश्व हिन्दू परिषद के एक पदाधिकारी ने बताया, ‘‘हमारा प्रयास है कि पूरे भारत में वेदों का ज्ञान दिया जए । लोग पहले वेद को देखें, फिर सुने, उसके बाद पढ़े और फिर जीवन में आत्मसात करें । ’’

अशोक सिंहल फाउण्डेशन के महेश भागचंदका ने चतुर्वेद स्वाहाकार महा यज्ञ के 6 दिवसीय कार्यक्रम को संबोधित किया

अशोक सिंहल फाउण्डेशन के महेश भागचंदका ने चतुर्वेद स्वाहाकार महा यज्ञ के 6 दिवसीय कार्यक्रम को संबोधित किया

Source https://savedelete.com/photos/mahesh-bhagchandka-of-ashok-singhal-foundation-addresses-a-press-conference-on-6-day-programme-chaturved-swahakaar-maha-yagna/219890/

नई दिल्ली: अशोक सिंहल फाउण्डेशन के महेश भागचंदका ने 7 अक्टूबर, 2019 को नई दिल्ली में विश्व हिंदू परिषद द्वारा वैदिक शिक्षाओं को लोकप्रिय बनाने के लिए आयोजित किए जाने वाले 6 दिवसीय कार्यक्रम "चतुर्वेद स्वाहाकार महा यज्ञ" पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।

आरएसएस प्रमुख के संबोधन पर सबकी निगाहें

आरएसएस प्रमुख के संबोधन पर सबकी निगाहें

Source https://www.tribuneindia.com/news/archive/nation/all-eyes-on-rss-chief-s-address-844020

नई दिल्ली: केंद्र में जब से भाजपा सत्ता में आई है, तब से उसके वैचारिक स्रोत के कामकाज और विचारों को लेकर जिज्ञासा और दिलचस्पी काफी बढ़ गई है और सभी की निगाहें अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के नागपुर में मंगलवार को दिए गए विजयादशमी संबोधन पर टिकी हैं.

जब से भाजपा केंद्र में सत्ता में आई है, उसके वैचारिक स्रोत के कामकाज और विचारों के बारे में जिज्ञासा और रुचि बहुत बढ़ गई है और सभी की निगाहें अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के मंगलवार को नागपुर में विजयादशमी के संबोधन पर टिकी हैं। जबकि उनके भाषणों का सार, जैसा कि स्वयंसेवक जोर देते हैं, 'अनिवार्य रूप से सामाजिक' है, इसकी अंतर्निहित राजनीतिक बारीकियों को याद करना मुश्किल है।

पिछले वर्षों में, भागवत गलत धारणाओं को दूर करने के लिए ठोस प्रयास कर रहे हैं? और उस छवि के बारे में हवा को स्पष्ट करें जिसे अन्यथा एक कट्टर दक्षिणपंथी संगठन के रूप में माना जाता है। यह देखा जाना बाकी है कि एचसीएल के संस्थापक और अध्यक्ष शिव नादर और शिव नादर फाउंडेशन की उपस्थिति में संघ सुप्रीमो दिन के मुख्य अतिथि के रूप में क्या नई अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं।

आरएसएस के कार्यक्रमों में अतिथि भी बहुत बहस का कारण बनते जा रहे हैं। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पिछले साल संघ के आमंत्रण को स्वीकार कर सनसनी मचा दी थी। उनका आरएसएस के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार को 'भारत माता का महान सपूत' कहना? कांग्रेस के भीतर से भी बहुत आलोचना हुई। आरएसएस? एक बंद संगठन के रूप में छवि ने अपने पदाधिकारियों को बातचीत के माध्यम से और मेहमानों को आमंत्रित करके दूर करने के लिए ठोस प्रयास शुरू करने के लिए मजबूर किया है।

वेदों के प्रचार के लिए महायज्ञ


विहिप सप्ताह भर चलने वाले 'चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ' का आयोजन कर रहा है। प्राचीन वैदिक को बढ़ावा देने के लिए? चार वेदों में समाहित ज्ञान 9 अक्टूबर से शुरू। RSS प्रमुख मोहन भागवत होंगे यजमानों में से एक? (अनुष्ठान संरक्षक) समारोहों के लिए

चतुर्वेद स्वाहाकार' महायज्ञ में शामिल होंगे मोहन भागवत

चतुर्वेद स्वाहाकार' महायज्ञ में शामिल होंगे मोहन भागवत

Source https://navbharattimes.indiatimes.com/metro/delhi/other-news/mohan-bhagwat-will-join-chaturveda-swahakar-mahayagya/articleshow/71475151.cms

चारों वेदों का शुद्ध ज्ञान-विज्ञान संपूर्ण विश्व तक पहुंचाने के लिए दिल्ली में चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ आयोजित हो रहा है। 9 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक लक्ष्मी नारायण मंदिर के पीछे प्रांगण में यज्ञशाला के पास विशाल पंडाल भी लग गया है। विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) के प्रवक्ता विनोद बंसल ने ‘सान्ध्य टाइम्स’ को बताया कि करीब 50 वेदपाठी पंडित चारों वेदों के 29 हजार से अधिक मंत्रों को शुद्ध उच्चारण के संग पढ़ेंगे। सुबह 9 से 12 बजे और शाम 5 से 8 बजे तक चारों वेदों के यज्ञ कुंडों में आहुतियां दी जाएंगी। प्रवचन भी होंगे। इन दिनों में हॉलैंड के राजा लुइश, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों से आए प्रतिनिधिमंडल भी हिस्सा लेंगे।

कार्यक्रम में सरसंघचालक मोहन भागवत, सरकार्यवाह भैया जी जोशी, सहसरकार्यवाह कृष्ण गोपाल, जूना पीठाधीश्वर महंत अवधेशानंद गिरी, परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद, रमणरेती मथुरा के कर्षण गुरु शरणानंद, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहेंगे। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम की पूरी रूपरेखा 2015 में अशोक सिंहल ने शरीर पूरा होने से पहले तैयार की थी, उस दौर में उनकी तबीयत बिगड़ी और प्रोग्राम स्थगित करना पड़ा। इसका मकसद वेदों के ज्ञान, विज्ञान, आध्यात्म और दर्शन सभी तक पहुंचाना है। विश्व हिन्दू परिषद और अशोक सिंहल फाउण्डेशन  मिलकर महायज्ञ करवा रहा है। यज्ञ के जरिए ऐसी भ्रांतियों को भी दूर किया जाएगा, जिसमें कहा जाता है कि वाल्मीकि, जाटव या महिलाएं आदि पूजा में भाग नहीं ले सकतीं। वेदों का ज्ञान संपूर्ण विश्व के लिए है।

बीएल शर्मा प्रेम की श्रद्धांजलि सभा

आज दोपहर 3 बजे से 4 बजे तक गुरुद्वारा रकाबगंज में गुरुगोविंद सिंह सभागार में पूर्व सांसद बीएल शर्मा ‘प्रेम जी’ की श्रद्धांजलि सभा आयोजित होगी। पूर्वी दिल्ली से दो बार बीजेपी के सांसद रहे बीएल शर्मा का निधन 28 सितंबर को हुआ था। वे वीएचपी के केंद्रीय मंत्री, कुशल संगठक, अखंड हिन्दुस्तान परिषद और मोर्चा के संस्थापक थे।

जल्द बने संत रविदास मंदिर

वीएचपी का उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल, कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार के नेतृत्व में आज शाम 7 बजे केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी से तुगलकाबाद स्थित संत रविदास मंदिर मामले में मुलाकात करेंगे। विनोद बंसल ने बताया कि मीटिंग में हिन्दू, सिख, जैन, बौद्ध आदि धर्मों के प्रतिनिधि भी होंगे। केंद्रीय मंत्री से आग्रह करेंगे कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशानुसार संत रविदास मंदिर के मामले में जल्द एनओसी दी जाए। सरकार की ओर से मंदिर का निर्माण हो। वहां बनी जोहड़ में पूज्य संतों की समाधि भी हैं, जिसे ठीक कराने की जरूरत है। वहां नियमित पूजा की व्यवस्था सुनिश्चित हो।

दिवंगत वीएचपी नेता अशोक सिंहल के इस सपने को साकार करेंगे अमित शाह और मोहन भागवत

दिवंगत वीएचपी नेता अशोक सिंहल के इस सपने को साकार करेंगे अमित शाह और मोहन भागवत

Source https://www.newstracklive.com/news/vhp-ashok-singhal-mahayagya-amit-shah-mc25-nu-1326445-1.html

नई दिल्लीः विश्व हिंदू परिषद के पूर्व संरक्षक और दिवंगत नेता अशोक सिंहल अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए होने वाले आंदोलनों के मुख्य कर्ताधर्ता हुआ करते थे। उनके इस योगदान को भगवा परिवार में आज भी काफी सम्मानपूर्वक रूप से याद किया जाता है। अशोक सिंहल हिंदू समाज के विभिन्न वर्गों और अन्य सभी धर्म के लोगों को भी एक मंच पर लाना चाहते थे। इसके लिए वे चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ भी करवाना चाहते थे और इसके लिए पूरी तैयारी कर ली थी। मगर इस कार्यक्रम के होने के पूर्व ही उनका देहांत हो गया और उनका यह सपना अधूरा रह गया। मगर उन्हीं के नाम पर बने संगठन अशोक सिंहल फाउण्डेशन अब उनका सपना साकार करेगा।

फाउण्डेशन और विश्व हिंदू परिषद के सहयोग से यह 'चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ' आगामी नौ अक्तूबर से दिल्ली में शुरू होगा। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत और भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल होंगे। कार्यक्रम को जगद्गुरु रामानुजाचार्य परमहंस परिव्राजकाचार्य के अगुवाई में संपन्न होगा। वीएचपी के प्रमुख नेता डॉ. सुरेंद्र जैन ने एक अखबार से बात करते हुए कहा कि अशोक सिंहल पूरे हिंदू समुदाय को एक सूत्र में बांधने के हमेशा पक्षधर रहे। वे जातियों में बंटने को हिंदू धर्म के लिए ही नहीं, पूरे देश के लिए बेहद घातक मानते थे। वह समाज के सभी वर्गों को एक सूत्र में बांधना चाहते थे।

चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ वैदिक ज्ञान को बढ़ावा देगा: VHP

चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ वैदिक ज्ञान को बढ़ावा देगा: VHP

Source https://www.newsbharati.com/Encyc/2019/10/7/VHP-yagya-in-Delhi-from-9th.html

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर: लोगों के बीच वैदिक ज्ञान और विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए। 9 से 14 अक्टूबर, 2019 तक नई दिल्ली में विश्व हिंदू परिषद (VHP), अशोक सिंहल फाउण्डेशन और झंडेवालान देवी मंदिर द्वारा संयुक्त रूप से चतुर्वेदी स्वाहाकार महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है।

यह जानकारी विहिप केंद्रीय समिति के सदस्य दिनेश चंद्र, विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार और अशोक सिंहल फाउण्डेशन के ट्रस्टी महेश भागचंदका ने आज पत्रकार वार्ता में दी.

उन्होंने कहा कि विहिप के अध्यक्ष रहे दिवंगत अशोक सिंहल की इच्छा के अनुरूप चारों वेदों में निहित विज्ञान और ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए इस यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. यह यज्ञ बिड़ला मंदिर के नाम से प्रसिद्ध लक्ष्मी नारायण मंदिर में होगा। छह दिवसीय यज्ञ के दौरान चारों वेदों के 29000 वैदिक मंत्रों के जाप के साथ आहुतियां डाली जाएंगी। ऋग, यजुर, साम और अथर्ववेद - सभी छह दिनों में सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम 5 बजे से रात 8 बजे तक।

यज्ञ हैदराबाद के श्री श्री रामानुजाचार्य चिन्न जीयर स्वामी के मार्गदर्शन और नेतृत्व में 50 से अधिक वेद पंडितों की एक टीम द्वारा किया जाएगा। स्वामीजी द्वारा प्रतिदिन धार्मिक प्रवचन होंगे। लोगों की अधिकतम भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए जन जागरूकता पैदा करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आठ रथ यात्राएं आयोजित की जा रही हैं।

यज्ञ में जूना पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर श्री अवधेशानंद गिरि, हरिद्वार के स्वामी चिदानंद मुनि, मथुरा के कर्शानी गुरु शरणानंद महाराज, आरएसएस के सरसंघचालक डॉ मोहनराव भागवत सहित प्रमुख संत, महंत और सामाजिक, धार्मिक, आध्यात्मिक और राजनीतिक नेताओं की भागीदारी देखी जाएगी। सरकार्यवाह भय्याजी जोशी, सह-सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित अन्य।

उल्लेखनीय है कि स्वर्गीय अशोक सिंहल ने 2015 में इसी स्थान पर इस तरह का धार्मिक आयोजन करने की योजना बनाई थी, लेकिन उनके गिरते स्वास्थ्य के कारण इसे आगे बढ़ाना पड़ा। आयोजकों ने कहा कि यह उनकी भविष्यवादी दृष्टि थी और यह कार्यक्रम अब उस दृष्टि को पूरा करने के लिए आयोजित किया जा रहा है। स्वर्गीय अशोक सिंहल की कल्पना थी कि वेदों में निहित विज्ञान और ज्ञान के इस खजाने को सक्षम आचार्यों के माध्यम से लोगों के बीच प्रसारित किया जा सकता है और किया जाना चाहिए।

आयोजकों ने कहा कि वेदों का ज्ञान पूरे ब्रह्मांड के लिए उपयोगी है और इसे आसानी से सुलभ बनाने के लिए यह कार्यक्रम राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित किया जा रहा है। वेदों के बारे में निहित स्वार्थों द्वारा जानबूझकर फैलाए गए संदेह और भ्रम को दूर करने का इरादा है, उन्होंने कहा कि ज्ञान सभी के लिए है और जाति, वर्ण या रंग के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है। पुरुषों और महिलाओं दोनों की वैदिक ज्ञान और विज्ञान तक पहुंच हो सकती है।

"यह केवल वैदिक ज्ञान प्रदान करने के बारे में नहीं है, बल्कि लोगों को उस ज्ञान को अपने दैनिक जीवन में आत्मसात करने के लिए प्रेरित करना है। वेद हमारी प्राचीन परंपराओं, संस्कृति और सभ्यता के प्रतीक हैं। वेदों में केवल सांसारिक ज्ञान ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक ज्ञान भी शामिल है।" 

चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ से होगा वैदिक ज्ञान-विज्ञान का विस्तार : विहिप

चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ से होगा वैदिक ज्ञान-विज्ञान का विस्तार : विहिप

Source https://vhp.org/media/chaturveda-swahakaar-mahayagya/

9 से 14 अक्टूबर तक दिल्ली में होने वाले महा यज्ञ में जुटेंगे देश-विदेश से श्रद्धालु


नई दिल्ली - अक्टूबर 07, 2019: वेदों के ज्ञान विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने हेतु विश्व हिन्दू परिषद् के तत्वावधान में श्री अशोक सिंहल फाउण्डेशन व झंडेवालान देवी मंदिर के सहयोग से चतुर्वेद स्वाहाकार महा यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। इस सम्बन्ध में आयोजित प्रेस वार्ता में  विश्व हिन्दू परिषद् की प्रबंध समिति के सदस्य श्री दिनेश चन्द्र, कार्याध्यक्ष श्री आलोक कुमार तथा अशोक सिंहल फाउण्डेशन के न्यासी श्री महेश भागचंदका ने बताया कि श्री अशोक सिंहल जी की कल्पना के अनुसार वेदों में आध्यात्मिकता के साथ उसके ज्ञान का प्रचार-प्रसार देश-विदेश में फैले, इस हेतु दिल्ली के लक्ष्मी नारायण मन्दिर (बिरला मंदिर) में होने वाला यह छ: दिवसीय आयोजन बहुत महत्वपूर्ण होगा। इसमें ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद के लगभग 29 हजार मन्त्रों से प्रात: 9 बजे से 12 बजे तक तथा सायं 5 बजे से 8 बजे तक आहूतियां डाली जाएंगीं। हैदराबाद के श्री श्री श्री रामानुजाचार्य पूज्य चिन्न जीयर स्वामी जी के ब्रह्मत्व में 50 से अधिक वेद पंडितों के द्वारा यज्ञ संपन्न किया जाएगा।  प्रतिदिन पूज्य स्वामी जी के प्रवचन भी होंगे। महायज्ञ के प्रचार-प्रसार हेतु सम्पूर्ण राजधानी में 8 रथ यात्राएं भी चल रही हैं।

इस आयोजन में न सिर्फ दक्षिण भारत के श्रेष्ठ आचार्यों व वैदिक विद्वानों के निर्देशन में वेद के एक एक मन्त्र को शुद्ध सस्वर उच्चारण करके महायज्ञ में आहूतियां डाली जाएंगीं बल्कि, वेदों के सन्दर्भ में समाज में व्याप्त अनेक भ्रांतियों का निवारण कर, इस प्रकार के महा यज्ञ सम्पूर्ण विश्व में हों, इस हेतु लोगों को प्रेरित भी किया जाएगा।
बताया गया कि कार्यक्रम में देश भर से अनेक संत, महंत, सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक व राजनैतिक जगत के अनेक गणमान्य लोग भाग लेंगे। जिनमें जूना पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर पूज्य श्री अवधेशानंद गिरी जी महाराज, ऋषिकेश से पूज्य स्वामी चिदानंद मुनि जी महाराज, रमण रेती मथुरा से कार्षणी गुरु पूज्य शरणानन्द जी महाराज, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर-संघचालक पू. श्री मोहन भागवत, सर कार्यवाह माननीय श्री भैयाजी जोशी, सह-सरकार्यवाह माननीय श्री कृष्ण गोपाल, लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला, केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह व रक्षा-मंत्री श्री राजनाथ सिंह शामिल हैं।

ज्ञातव्य रहे कि विहिप के पूर्व अध्यक्ष माननीय श्री अशोक सिंहल जी ने वर्ष 2015 में  इसी चतुर्वेद स्वाहाकार महा यज्ञ को दिल्ली के बिरला मंदिर में ही आयोजित करने हेतु व्यापक तैयारियां पूरी कर लीं थीं किन्तु उनका स्वास्थ्य अचानक बिगड़ने से निर्धारित समय से कुछ दिन पूर्व ही कार्यक्रम को स्थगित करना पडा था।

यह भी बताया गया कि वेद पूरी सृष्टि में मानव मात्र व प्राणीमात्र के लिए कल्याणकारी हैं। वेदों का नाम, वेदों का दर्शन व उसका ज्ञान-विज्ञान सम्पूर्ण विश्व के लिए सर्व सुलभ हो, उसकी शुरूआत करने हेतु राजधानी दिल्ली से एक शुरूआत की जा रही है। श्रद्धेय श्री अशोक जी सिंहल की कल्पना  में वेदों में जो आध्यात्मिकता, वैज्ञानिकता, सामाजिकता, व्यावहारिकता और सृष्टि मात्र का ज्ञान जो भरा है वह देश-विदेश के सामान्य जनमानस तक पहुँचे तथा वेदों के विषय में कालान्तर में जो अनेकों भ्रांतिया पैदा हुईं कि अमुक-अमुक व्यक्ति या समाज वेदों को सुन नहीं सकता, इस प्रकार की  भ्रांतियाँ भी दूर हो सकें, इसी भाव को लेकर चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। वास्तव में वेदों में कोई भेद नहीं है, ये सबके लिये हैं। महिला हो या पुरुष सबको लेकर पूरी पृथ्वी में मानव मात्र के लिये है। पूरे भारत तथा विदेशों से आये लोग यहाँ महा यज्ञ के समय प्रात: सायं दो-दो घंटे के लिए उपस्थित रहें, समझें, देखें और उसके बाद अपने-अपने स्थान पर जाकर, दक्षिण के आचार्य जो आज उपलब्ध हैं, जिन्हें चारों वेदों के प्रत्येक मंत्र शुद्ध व सस्वर उच्चारण के साथ कंठस्थ हैं, के माध्यम से महा यज्ञ में आहुति देवें।  इस प्रकार का भाव लेकर यह आयोजन किया जा रहा है। इसी कारण इस महा यज्ञ को चतुर्वेद स्वाहाकार महामहा यज्ञ का नाम दिया गया है।

स्वर्गीय श्री अशोक सिंहल जी की यह एक दूरगामी सोच थी जिसको पूरा करने के लिये दिल्ली में यह आयोजन हो रहा है। देश विदेश से आयें और यहां से प्रेरणा लें तथा सक्षम  आचार्यों को बुलाकर इस वैदिक ज्ञान को समाज में विस्तार के साथ पहुँचाने का काम करें। वेदों में जो ज्ञान विज्ञान व आध्यात्मिकता है उसे कहीं न कहीं वेद विश्वविद्यालय इस रूप में खड़ा कर समाज में पहुँचाया जाये। समाज के हर मत-पन्थ सम्प्रदाय के लोगों को भारत और अन्य देशों से सपरिवार आमंत्रित किया गया है। चार देशों की स्वीकृति भी आ गई है। दिल्ली में पहली बार इस प्रकार का आयोजन हो रहा है।

वैदिक ज्ञान और विज्ञान को फलने-फूलने के लिए चतुर्वेद स्वाहाकार महा यज्ञ: VHP

वैदिक ज्ञान और विज्ञान को फलने-फूलने के लिए चतुर्वेद स्वाहाकार महा यज्ञ: VHP

Source https://www.organiser.org/Encyc/2019/10/7/Chaturved-Swaahaakaar-Maha-Yajna-by-VHP.html

स्वर्गीय श्री अशोक सिंहल को ऋषि अरबिंदो का यह कथन बहुत पसंद था कि: "धार्मिक आंदोलन और क्रांतियाँ आईं और चली गईं या उन्होंने अपनी छाप छोड़ी, लेकिन आखिरकार, वेद हमारे लिए हमारी युगों की चट्टान, हमारी शाश्वत नींव है। ..."।

वेदों के ज्ञान और विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए विश्व हिंदू परिषद के तत्वावधान में श्री अशोक सिंघल फाउंडेशन और झंडेवालान देवी मंदिर के सहयोग से चतुर्वेद स्वाहाकार महा यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है

इस संबंध में आयोजित प्रेसवार्ता में विहिप के गवर्निंग काउंसिल सदस्य श्री दिनेश चंद्र, विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष श्री आलोक कुमार, अशोक सिंहल फाउण्डेशन के ट्रस्टी श्री महेश भागचंदका ने बताया कि साकेतवासी/स्वर्गीय श्री अशोक सिंहलजी के पास समाज को फैलाने का विजन और मिशन था. भारत और विदेशों में वेदों का समग्र, परोपकारी और समकालिक विश्वदृष्टि, उसकी आध्यात्मिकता, ज्ञान और विज्ञान, और उस दृष्टिकोण से, नई दिल्ली में लक्ष्मी-नारायण मंदिर (बिड़ला मंदिर) में होने जा रहा यह छह दिवसीय आयोजन होगा। बहुत ज़रूरी। इन छह दिनों के दौरान, ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और यजुर्वेद, सामवेद और समग्र आध्यात्मिक भावनाओं और चेतना को जगाने वाले 29 हजार से अधिक मंत्रों (पवित्र उच्चारण या अलौकिक ध्वनि) के जप के साथ आहुति (आहुति, बलिदान, पूजा, आराधना)। अथर्ववेद, सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम 5 बजे से शुरू होगा। रात 8 बजे तक हैदराबाद के परम पावन श्री श्री श्री त्रिदंडी श्रीमन्नारायण रामानुज चिन्ना जीयर स्वामीजी के ब्रह्मत्व के तहत 50 से अधिक वैदिक पंडितों द्वारा यज्ञ किया जाएगा। पूज्य स्वामीजी के नित्य प्रवचन भी होंगे। महायज्ञ के प्रचार-प्रसार के लिए राष्ट्रीय राजधानी में आठ रथ यात्राएं भी चल रही हैं।

दिल्ली के इस आयोजन में दक्षिण भारत के सर्वश्रेष्ठ वैदिक आचार्यों और विद्वानों के निर्देशन में प्रत्येक वैदिक मंत्र के शुद्ध, ऊर्जावान, लयबद्ध और छंदबद्ध उच्चारण के साथ महायज्ञ में न केवल आहुति दी जाएगी, बल्कि प्रयास भी किए जाएंगे। वेदों के संदर्भ में समाज में व्याप्त अनेक भ्रांतियों को दूर करना तथा विश्व के सभी भागों में ऐसे महायज्ञों के आयोजन के लिए लोगों को प्रेरित एवं प्रेरित करना।

बताया गया कि महामंडलेश्वर जूना पीठाधीश्वर श्री अवधेशानंद गिरि महाराज, ऋषिकेश के स्वामी चिदानन्द मुनि महाराज, ऋषिकेश के परम पूज्य स्वामी चिदानंद मुनि महाराज सहित देश भर से कई प्रमुख संत, महंत, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक क्षेत्रों आदि के प्रमुख व्यक्ति शामिल हैं। रमन रेती मथुरा के कार्ष्णि आश्रम के गुरुशरणानंद महाराज, पी.पी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, आरएसएस सरकार्यवाह श्री भैयाजी जोशी, आरएसएस सह-सरकार्यवाह श्रीकृष्ण गोपालजी, माननीय लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला, माननीय केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह एवं माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह कार्यक्रम में भाग लेंगे।

पत्रकार वार्ता को विहिप के गवर्निंग काउंसिल सदस्य श्री दिनेश चंद्र, विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष श्री आलोक कुमार, अशोक सिंहल फाउण्डेशन के ट्रस्टी श्री महेश भागचंदका ने संबोधित किया

उल्लेखनीय है कि विहिप के दिवंगत अध्यक्ष श्री अशोकजी सिंहल ने वर्ष 2015 में इस चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ को दिल्ली के बिड़ला मंदिर में ही कराने की व्यापक तैयारी पूरी कर ली थी, लेकिन कुछ दिनों पूर्व अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई थी और इसलिए कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा।

यह भी बताया गया कि वेद मानवता, पशु साम्राज्य, वनस्पति जगत, पर्यावरण और पारिस्थितिक संतुलन और विकास के सतत मॉडल के लिए फायदेमंद हैं। वेदों, उनके दर्शन, ज्ञान और विज्ञान की पहुंच पूरी दुनिया तक हो, इसके लिए राजधानी दिल्ली से शुरुआत की जा रही है। स्वर्गीय श्री अशोकजी सिंहल ने इसे एक मिशन के रूप में लिया था ताकि वेदों में निहित आध्यात्मिकता, वैज्ञानिक सोच, मिलनसारिता, सामाजिकता, सहचर्यता, व्यावहारिकता और हर रचना का ज्ञान देश और विदेश के आम लोगों तक पहुँचाया जा सके और बहुत से लोगों तक पहुँचाया जा सके। वेदों के बारे में कालांतर में जो भ्रांतियाँ पैदा हुईं कि फलां व्यक्तियों या समुदायों को वेदों को सुनने का अधिकार नहीं है, उन्हें दूर किया जा सकता है और चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ उसी मिशन को पूरा करने का एक प्रयास है। वास्तव में वेदों में भेद नहीं है, वे सबके लिए हैं। चाहे कोई पुरुष हो या महिला, वेद धरती माता पर सभी मनुष्यों के लिए हैं।

पूरे भारत और विदेश से भाग लेने वाले महायज्ञ के समय सुबह दो घंटे और शाम को दो घंटे यहां उपस्थित रहें, कार्यवाही का प्रत्यक्ष दर्शन करें, प्रारूप को समझें, सराहना करें और भावना को आत्मसात करें और फिर लौट आएं अपने-अपने स्थान पर जाएँ और दक्षिण के आचार्यों की सहायता और सलाह से वहाँ ऐसे यज्ञों का आयोजन शुरू करें, जो आज उपलब्ध हैं, जिन्होंने चारों वेदों के सभी मंत्रों को कंठस्थ कर लिया है और उनके अखंड पाठ में कुशल हैं। ऐसी ही भावनाओं को मन में रखकर यह आयोजन किया जा रहा है। इस कारण इस यज्ञ का नाम चतुर्वेद स्वाहाकार महा यज्ञ रखा गया है।

स्वर्गीय श्री अशोक जी सिंहल की दूरगामी सोच थी और उसी की पूर्ति के लिए दिल्ली में यह आयोजन किया जा रहा है। आप देश-विदेश से आएं, इस आयोजन से प्रेरणा लें, सक्षम आचार्यों का सहयोग लें और इस वैदिक ज्ञान को मानव समाज में फैलाने की दिशा में काम करें। वैदिक विश्वविद्यालयों और पीठों की स्थापना के माध्यम से वेदों में जो ज्ञान, विज्ञान और आध्यात्मिकता है, उसे भी समाज में शामिल किया जा सकता है। भारत और विदेशों से विचार, धर्म और आध्यात्मिकता के सभी विद्यालयों के लोगों को परिवार के साथ आने और महायज्ञ कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। चार देशों से स्वीकृति पत्र भी आ चुके हैं! दिल्ली में इस तरह का आयोजन पहली बार हो रहा है।

VHP दिल्ली में वैदिक शिक्षाओं के प्रसार के लिए 6 दिवसीय कार्यक्रम आयोजित करेगा; अमित शाह, राजनाथ सिंह, मोहन भागवत रहेंगे मौजूद

VHP दिल्ली में वैदिक शिक्षाओं के प्रसार के लिए 6 दिवसीय कार्यक्रम आयोजित करेगा; अमित शाह, राजनाथ सिंह, मोहन भागवत रहेंगे मौजूद

Source : VHP To Organise 6-Day Event To Spread Vedic Teachings In Delhi; Amit Shah, Rajnath Singh, Mohan Bhagwat To Be Present

विश्व हिंदू परिषद, आरएसएस की एक प्रमुख शाखा, वैदिक शिक्षाओं को लोकप्रिय बनाने के लिए नई दिल्ली के बिरला मंदिर में छह दिवसीय कार्यक्रम आयोजित करेगी। वीएचपी जिस गंभीरता के साथ वेदों को "लोकप्रिय" करने की कोशिश कर रही है, वह इस तथ्य से स्पष्ट है कि आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत और गृह मंत्री अमित शाह सहित केंद्र सरकार के सभी शीर्ष नेता इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। आयोजन 9 से 14 अक्टूबर तक भागवत ही नहीं, आरएसएस सरकार्यवाह भैय्या जोशी और आरएसएस सह-सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। शाह के अलावा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी इन छह दिनों के दौरान बिरला मंदिर जाएंगे। विहिप इसे "चतुर्वेदी स्वाहाकार महा यज्ञ" कहती है, जिसके बारे में उनका कहना है कि "वेदों के ज्ञान और विज्ञान को जन-जन तक पहुँचाने के लिए" इसका आयोजन किया जा रहा है।

अशोक सिंहल फाउण्डेशन के साथ, विहिप के तेजतर्रार पूर्व प्रमुख अशोक सिंघल और झंडेवालान देवी मंदिर की याद में एक संस्था एक साथ विहिप की छत्रछाया में इस कार्यक्रम का आयोजन कर रही है। वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने सोमवार (7 अक्टूबर) को दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि 90 के दशक में राम जन्मभूमि आंदोलन के चेहरे अशोक सिंहल के पास "वेदों के समग्र, परोपकारी और समकालिक विश्वदृष्टि" को फैलाने की दृष्टि थी। छह दिवसीय आयोजन का इरादा ऐसा ही करने का है। इन छह दिनों के दौरान, ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद के 29,000 से अधिक मंत्रों का जाप किया जाएगा। 50 से अधिक वैदिक पंडित भी यज्ञ करेंगे।

वास्तव में, आयोजन के क्रम में, इस विशाल आयोजन को प्रचारित करने के लिए राजधानी में आठ 'रथ यात्राओं' की योजना बनाई जा रही है। महामंडलेश्वर जूना पीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरि, ऋषिकेश के स्वामी चिदानंद मुनि, कार्ष्णि आश्रम, मथुरा के महामंडलेश्वर स्वामी गुरुशरणानंद महाराज सहित भारत भर के शीर्ष संत भी विहिप के धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होंगे। सिंहल ने स्वयं वर्ष 2015 में इस चतुर्वेदी स्वाहाकार महा यज्ञ को दिल्ली के बिरला मंदिर में कराने की व्यापक तैयारी पूरी कर ली थी। लेकिन उनकी बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति ने इस कार्यक्रम को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। हालाँकि, मोदी 2.0 के साथ 303 सीटों के एक बड़े जनादेश के साथ, VHP ने इस वैदिक आयोजन को नए सिरे से शुरू किया है।

विश्व हिंदू परिषद वेदों को लोकप्रिय बनाने के लिए 6 दिवसीय कार्यक्रम आयोजित करेगी

विश्व हिंदू परिषद वेदों को लोकप्रिय बनाने के लिए 6 दिवसीय कार्यक्रम आयोजित करेगी

Source: Vishwa Hindu Parishad to Hold 6-day Event to Popularise Vedas

 

विश्व हिंदू परिषद, आरएसएस की एक प्रमुख शाखा, वैदिक शिक्षाओं को लोकप्रिय बनाने के लिए नई दिल्ली के बिरला मंदिर में छह दिवसीय कार्यक्रम आयोजित करेगी।

वीएचपी जिस गंभीरता के साथ वेदों को "लोकप्रिय" करने की कोशिश कर रही है, वह इस तथ्य से स्पष्ट है कि आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत और गृह मंत्री अमित शाह सहित केंद्र सरकार के सभी शीर्ष नेता इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। आयोजन 9 से 14 अक्टूबर तक

भागवत, आरएसएस सरकार्यवाह भैय्या जोशी और आरएसएस सह-सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. शाह के अलावा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी इन छह दिनों के दौरान बिरला मंदिर जाएंगे।

विहिप इसे "चतुर्वेदी स्वाहाकार महा यज्ञ" कहती है, जिसके बारे में उनका कहना है कि "वेदों के ज्ञान और विज्ञान को जन-जन तक पहुँचाने के लिए" इसका आयोजन किया जा रहा है।

श्री अशोक सिंहल फाउण्डेशन के साथ, विहिप के उग्र पूर्व प्रमुख अशोक सिंहल और झंडेवालान देवी मंदिर की याद में एक निकाय भगवा संगठन की छत्रछाया में एक साथ कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है।

चतुर्वेद स्वाहाकार महा यज्ञ का आयोजन नई दिल्ली में, अमित शाह और राजनाथ सिंह करेंगे यज्ञ की शोभा

चतुर्वेद स्वाहाकार महा यज्ञ का आयोजन नई दिल्ली में, अमित शाह और राजनाथ सिंह करेंगे यज्ञ की शोभा

Source : Chaturveda Swahakaar Maha Yagya to be organized in New Delhi, Amit Shah & Rajnath Singh to grace the Yagya

इस संबंध में आयोजित पत्रकारवार्ता में विश्व हिंदू परिषद की प्रबंध समिति के सदस्य दिनेश चंद्र, सीईओ आलोक कुमार व अशोक सिंहल फाउण्डेशन के ट्रस्टी महेश भागचंदका ने बताया कि अशोक सिंहल की कल्पना के अनुरूप उनके ज्ञान के साथ-साथ वेदों में अध्यात्म को देश-विदेश में फैलाना है।

इस आयोजन में न केवल शुद्ध महायज्ञ में दक्षिण भारत के श्रेष्ठ आचार्यों एवं वैदिक विद्वानों के निर्देशन में वेदों के एक मंत्र का जाप कर मन्त्रों का जाप किया जाएगा बल्कि वेदों के संदर्भ में समाज में व्याप्त अनेक भ्रांतियों को भी दूर किया जाएगा। इस बलिदान के लिए पूरे विश्व में महान लोगों को प्रेरित किया जाना चाहिए। यह भी बताया गया कि कार्यक्रम में देश भर से अनेक संत, महासंत, सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और राजनीतिक लोग शामिल होंगे. मोहन भागवत, भैयाजी जोशी, कृष्ण गोपाल, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी विशाल धार्मिक आयोजन की शोभा बढ़ाएंगे।

वीएचपी के दिवंगत नेता अशोक सिंघल के इस सपने को पूरा करने के लिए अमित शाह और मोहन भागवत

वीएचपी के दिवंगत नेता अशोक सिंघल के इस सपने को पूरा करने के लिए अमित शाह और मोहन भागवत

Source: Amit Shah and Mohan Bhagwat to fulfil this dream of late VHP leader Ashok Singhal

विश्व हिंदू परिषद के पूर्व संरक्षक और दिवंगत नेता अशोक सिंहल अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के आंदोलनों के मुख्य अभिनेता हुआ करते थे भगवा परिवार में उनके योगदान को आज भी बड़े सम्मान के साथ याद किया जाता है अशोक सिंहल भी हिंदू समाज के विभिन्न वर्गों और अन्य सभी धर्मों के लोगों को एक मंच पर लाना चाहते थे। इसके लिए वे चतुर्वेद आत्मकथात्मक महायज्ञ भी प्राप्त करना चाहते थे और इसके लिए उन्होंने पूरी तैयारी कर ली थी। लेकिन इस कार्यक्रम के होने से पहले ही उनकी मौत हो गई और उनका सपना अधूरा रह गया लेकिन उनके नाम पर बनी संस्था अशोक सिंहल फाउण्डेशन अब उनके सपने को साकार करेगी।

दिवंगत मुखिया सिंघल की इच्छा पूरी करने के लिए यज्ञ का आयोजन करेगा विहिप, आरएसएस, बीजेपी के नेता लेंगे हिस्सा

दिवंगत मुखिया सिंघल की इच्छा पूरी करने के लिए यज्ञ का आयोजन करेगा विहिप, आरएसएस, बीजेपी के नेता लेंगे हिस्सा

Source : VHP to Organise Yajna to Fulfill Late Chief Singhal's Wish, RSS, BJP Leaders to Participate

प्रज्ञा कौशिका द्वारा नई दिल्ली [भारत], 9 सितंबर (एएनआई): वैदिक विज्ञान को पुनर्जीवित करने और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के दिवंगत प्रमुख अशोक सिंहल की अंतिम इच्छाओं में से एक को पूरा करने के प्रयास में, आरएसएस से संबद्ध संगठन एक प्रदर्शन करने के लिए तैयार है। अगले महीने राष्ट्रीय राजधानी में छह दिवसीय यज्ञ। छह दिवसीय कार्यक्रम, जो 9 अक्टूबर से शुरू होगा और 14 अक्टूबर को समाप्त होगा, में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और महासचिव सुरेश 'भैयाजी' जोशी उपस्थित होंगे। ये भी यज्ञ में शामिल होंगे। यह आयोजन दिल्ली के लक्ष्मी नारायण मंदिर में होगा, जिसे बिरला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। 

आरएसएस और विहिप के शीर्ष पदाधिकारी भी इस विशाल कार्यक्रम में भाग लेंगे, जो वैदिक रीति-रिवाजों के अनुसार आयोजित किया जाएगा। यज्ञ का आयोजन सिंहल की अंतिम इच्छाओं में से एक को पूरा करने के लिए किया जा रहा है, जो अयोध्या के राम जन्म भूमि आंदोलन के प्रभारी भी थे। आयोजकों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा को निमंत्रण भेजा गया है। सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और कई राज्यपालों, कैबिनेट मंत्रियों और विभिन्न देशों के राजदूतों को भी आमंत्रित किया गया है। एक सूत्र ने कहा कि मुख्य पुजारी रामानुज जीयर स्वामीजी अनुष्ठान करेंगे और उन्हें हैदराबाद से बुलाया गया है। 

विहिप के पदाधिकारी कोटेश्वर राव ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि लोगों को वैदिक विज्ञान के बारे में जागरूक करना है। राव ने कहा, "इसकी योजना सिंहल जी के समय में बनाई गई थी, लेकिन तब उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसलिए अब हम इसका आयोजन कर रहे हैं। हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को भी आमंत्रित किया है।" विहिप सूत्रों ने बताया कि यज्ञ अशोक सिंहल फाउण्डेशन द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। 

कार्यक्रम के सह-आयोजक अशोक सिंहल फाउण्डेशन के महेश भागचंदका ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनकी उपस्थिति की पुष्टि की है। भागचंदका ने कहा, "सिंह के साथ, हमें अमेरिका, हॉलैंड, सिंगापुर, हांगकांग और बैंकॉक के विदेशी गणमान्य व्यक्तियों सहित कई अन्य पुष्टियां मिली हैं।" विहिप राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित होने वाले इस यज्ञ के बारे में प्रचार प्रसार करने की कोशिश कर रही है, जिसमें हजारों लोगों के भाग लेने की उम्मीद है। (एएनआई)

वैदिक ज्ञान को बढ़ावा देगा चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ: विहिप

वैदिक ज्ञान को बढ़ावा देगा चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ: विहिप

Source: VHP Yagya in Delhi from 9th

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर: लोगों के बीच वैदिक ज्ञान और विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए 9 अक्टूबर से नई दिल्ली में विश्व हिंदू परिषद (विहिप), अशोक सिंहल फाउण्डेशन और झंडेवालान देवी मंदिर द्वारा संयुक्त रूप से 'चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ' का आयोजन किया जा रहा है। 

यह जानकारी विहिप की केंद्रीय समिति के सदस्य दिनेश चंद्रा, विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार और अशोक सिंहल फाउण्डेशन के ट्रस्टी महेश भागचंदका ने आज पत्रकार वार्ता में दी.

उन्होंने कहा कि विहिप के अध्यक्ष रहे दिवंगत अशोक सिंहल की इच्छा के अनुरूप चारों वेदों में निहित विज्ञान और ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए इस यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. यह यज्ञ बिरला मंदिर के नाम से प्रसिद्ध लक्ष्मी नारायण मंदिर में होगा। छह दिवसीय यज्ञ के दौरान चारों वेदों- ऋग, यजुर, साम और अथर्ववेद के 29000 वैदिक मंत्रों के जाप के साथ सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम को 5 से 8 बजे तक यज्ञ किया जाएगा। छह दिन।

यज्ञ हैदराबाद के श्री श्री रामानुजाचार्य चिन्न जीयर स्वामी के मार्गदर्शन और नेतृत्व में 50 से अधिक वेद पंडितों की एक टीम द्वारा किया जाएगा। स्वामीजी द्वारा प्रतिदिन धार्मिक प्रवचन होंगे। लोगों की अधिकतम भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए, जन जागरूकता पैदा करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आठ 'रथयात्रा' आयोजित की जा रही हैं।

यज्ञ में जूना पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर श्री अवधेशानंद गिरि, हरिद्वार के स्वामी चिदानंद मुनि, मथुरा के कर्शानी गुरु शरणानंद महाराज, आरएसएस के सरसंघचालक डॉ मोहनराव भागवत सहित प्रमुख संत, महंत, सामाजिक, धार्मिक, आध्यात्मिक और राजनीतिक नेता भाग लेंगे। सरकार्यवाह भय्याजी जोशी, सह-सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित अन्य।

उल्लेखनीय है कि स्वर्गीय अशोक सिंहल ने 2015 में इसी स्थान पर इस तरह का धार्मिक आयोजन करने की योजना बनाई थी, लेकिन उनके गिरते स्वास्थ्य के कारण इसे आगे बढ़ाना पड़ा। आयोजकों ने कहा कि यह उनकी भविष्यवादी दृष्टि थी और यह कार्यक्रम अब उस दृष्टि को पूरा करने के लिए आयोजित किया जा रहा है। स्वर्गीय अशोक सिंहल की कल्पना थी कि वेदों में निहित विज्ञान और ज्ञान के इस खजाने को सक्षम आचार्यों के माध्यम से लोगों के बीच प्रसारित किया जा सकता है और किया जाना चाहिए।

आयोजकों ने कहा कि वेदों का ज्ञान पूरे ब्रह्मांड के लिए उपयोगी है और इसे आसानी से सुलभ बनाने के लिए यह कार्यक्रम राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित किया जा रहा है। वेदों के बारे में जानबूझकर निहित स्वार्थों द्वारा फैलाए गए संदेहों, भ्रमों को दूर करने का इरादा है, उन्होंने कहा कि ज्ञान सभी के लिए है और मामले, 'वर्ण' या रंग के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है। पुरुषों और महिलाओं दोनों की वैदिक ज्ञान और विज्ञान तक पहुंच हो सकती है।

"यह केवल वैदिक ज्ञान प्रदान करने के बारे में नहीं है, बल्कि लोगों को उस ज्ञान को अपने दैनिक जीवन में आत्मसात करने के लिए प्रेरित करना है। वेद हमारी प्राचीन परंपराओं, संस्कृति और सभ्यता के प्रतीक हैं। वेदों में केवल सांसारिक ज्ञान ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक ज्ञान भी शामिल है।"

वेदों पर मोहन भागवत: भारत दुनिया को आगे बढ़ने के लिए जड़ें दे सकता है

वेदों पर मोहन भागवत: भारत दुनिया को आगे बढ़ने के लिए जड़ें दे सकता है

Source : Mohan Bhagwat on Vedas: India can give world roots to go forward

 

विश्व हिंदू परिषद के पूर्व मुखिया, मोहन भागवत तथा अशोक सिंहल फाउण्डेशन के द्वारा स्थापित आयोजित एक कार्यक्रम में सम्बोधित कर रहे थे। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा कि भारत आज दुनिया को जो कुछ भी सिखा सकता है, उसकी जड़ें भारत के वैदिक अतीत में हैं।

अशोक सिंहल की याद में दिए जाएंगे वैदिक पुरस्कार

अशोक सिंहल की याद में दिए जाएंगे वैदिक पुरस्कार

Source https://www.jagran.com/news/national-vedic-awards-will-be-given-in-the-memory-of-ashok-singhal-16773086.html

संजय सिंघल के अनुसार देश के सभी स्कूलों से तीनों श्रेणियों में अपनी-अपनी प्रविष्टि भेजने को कहा गया।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। विश्व हिंदू परिषद के पूर्व अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंहल की याद में वैदिक पुरस्कार दिये जाएंगे। 'भारतात्मा अशोक सिंहल वैदिक पुरस्कार' वैदिक शिक्षा देने वाले सर्वश्रेष्ठ स्कूल, वेदज्ञान में सर्वश्रेष्ठ छात्र और वेद पढ़ाने वाले सर्वश्रेष्ठ शिक्षक तीनों को दिए जाएंगे। पहला वैदिक पुरस्कार पांच अक्टूबर को आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत प्रदान करेंगे।

सिंहल फाउण्डेशन के जुड़े संजय सिंहल ने कहा कि अशोक सिंहल संघ के प्रचारक होने के साथ-साथ वेद के भी ज्ञाता थे। उन्हें वेद के पठन-पाठन में विशेष रुचि थी। उनके प्रयास से देश में कई वैदिक स्कूलों की स्थापना भी गई थी। वेदों के प्रति उनके लगाव को देखते हुए उनकी याद में वैदिक पुरस्कार देने का फैसला लिया गया। इसके लिए सभी वैदिक स्कूलों से प्रविष्टि मंगाई गई। उन्होंने कहा कि वैदिक पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिये जाएंगे। पहली श्रेणी वैदिक शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र, दूसरी उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षक और तीसरी श्रेणी वैदिक स्कूल की बनाई गई।

संजय सिंहल के अनुसार देश के सभी स्कूलों से तीनों श्रेणियों में अपनी-अपनी प्रविष्टि भेजने को कहा गया। 14 अगस्त तक आने वाली प्रविष्टियों पर विचार करने के लिए तीन कमेटियों का गठन किया गया। इन कमेटियों में प्रविष्टि भेजने वाले सभी स्कूलों का दौरा किया। छात्रों और शिक्षकों का साक्षात्कार लिया। फिर अपनी ओर से तीनों श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ तीन-तीन विजेताओं के नाम की सिफारिश की। इन सिफारिशों पर विचार करने का काम पांच वैदिक विशेषज्ञों की जूरी ने किया और अंतत एक-एक विजेताओं का चयन किया गया। संजय सिंघल ने कहा कि अब यह पुरस्कार हर साल दिया जाएगा ताकि देश में वैदिक शिक्षा को प्रोत्साहन मिल सके।

पहला भारतात्मा अशोक सिंहल वैदिक पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन पांच अक्टूबर को दिल्ली में किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता मोहन भागवत करेंगे। प्रथम पुरस्कार पाने वाले छात्र को तीन लाख रुपये, शिक्षक को पांच लाख रुपये और स्कूल को सात लाख रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी।

  • fl-1.jpg
  • fl-2.jpg
  • fl-3.jpg
  • fl-4.jpg
  • fl-5.jpg
  • fl-6.jpg
  • fl-7.jpg