पुस्तक लेखक

पुस्तक लेखक श्री महेश भागचन्दका जी

श्री महेश भागचन्दका जी, श्रद्धेय अशोक जी की जीवनी हिंदुत्व के पुरोधा के लेखक हैं। श्री महेश जी अपने आप को बेहद भाग्यशाली मानते हैं कि उनको सांस्कृतिक और राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक सिंहल जी के समर्पण की प्रशंसा और उनके विषय में लिखने का सौभाग्य मिला। महेश जी के मुताबिक सिंहल जी एक अनुकरणीय व्यक्ति थे, जिन्होंने भारत माता की निःस्वार्थ सेवा के लिए अपने जीवन के 65 वर्ष एक प्रचारक के रूप में समर्पित कर दिए। यह पुस्तक श्री अशोक सिंहल जी के जीवन को सही ढंग से दर्शाती है और उनके विचारों को आगे बढ़ाती है। उन्होंने अपने जीवन में जो कुछ किया है, वह अपने लाखों अनुयायियों और विश्वासपात्र लोगों के लिए अज्ञात रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के देशभक्त कार्यकर्ता शिक्षा, संरक्षण और हिंदू धर्म के विकास और अन्य सामाजिक पहलुओं में प्रगति के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। जिसके परिणाम आज हमें वास्तविक रूप से देखने को मिल रहे हैं। सिंहल जी द्वारा अपने जीवन में प्राप्त की गई असंख्य उपलब्धियों को एक किताब में करना बेहद कठिन कार्य था।

श्री भागचन्दका जी इस किताब को देश की आने वाली पीढ़ी को समर्पित करते हैं, जो इसके माध्यम से देश में श्री सिंहल जी के योगदान को पढ़ेंगे और उनकी सराहना करेंगे। इसके माध्यम से उनसे यह आशा करते हैं कि उन्हें राष्ट्रीय हितों की सेवा के लिए कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रेरणा मिलेगी। एक प्रतिष्ठित व्यापारी और परोपकारी श्री भागचन्दका जी एक अविश्वसनीय भावपूर्ण व्यक्ति हैं। उन्हें थिएटर, यात्रा, संगीत और आध्यात्मिकता का आनंद में काफी रुचि है और उन्होंने स्वयं की एक कविता पुस्तक भी प्रकाशित की है। श्री भागचन्दका जी एक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के बोर्ड में भी शामिल थें, जहां उन्होंने अपने विशाल ज्ञान के माध्यम से कई मूल्य स्थापित किए। भागचन्दका  जी ने अपने करियर के चार दशकों में जैव प्रौ़योगिकी, इंफ्रास्ट्रक्चर और एविएशन जैसे क्षेत्रों में ठोस व्यवसायिक हितों की स्थापना की है।

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